एफिल टॉवर से 30 गुना स्टील, बुर्ज खलीफा से 6 गुना कंक्रीट ज्यादा जानें कहा लगा
जल्द शुरू होगा द्वारका एक्सप्रेसवे, अधिकतर पैकेज का काम हुआ पूरा, लाखों लोगों को होगा फायदा
नई दिल्ली
दिल्ली-हरियाणा के लोगों को जाम से मुक्ति देने के लिए तैयार हो रहे द्वारका एक्सप्रेस वे का अधिकतर काम पूरा हो गया। अनेक विशेषताओं से बन रहे द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में 2 लाख मैट्रिक टन स्टील का उपयोग हो रहा है, जो एफिल टॉवर में इस्तेमाल हुए स्टील से 30 गुना अधिक है। एक्सप्रेसवे के निर्माण में 20 लाख घन मीटर कंक्रीट का उपयोग किया जा रहा है, जो बुर्ज खलिफा में इस्तेमाल हुए कंक्रीट से 6 गुना अधिक है। देश में पहली बार इस एक्सप्रेसवे में 12 हजार वृक्षों का ट्रान्सप्लांट किया गया है।
द्वारका एक्सप्रेस वे बनने के बाद दिल्ली-गुड़गाव के बीच सफर करना आसान हो जाएगा। लाखों वाहन रोज इस रूट से सफर करते हैं जिससे इस मार्ग पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। द्वारका एक्सप्रेसवे बनने से इस मार्ग में जाम की समस्या हल होगी।
चार पैकेज में बन रहे द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली में 2507 करोड़ रुपए की लागत से और 5.9 किमी लंबाई के महिपालपुर के शिव मुर्ति से बिजवासन तक के खंड का 60% कार्य पूर्ण हुआ है। 2068 करोड़ रुपए की लागत से 4.2 किमी लंबे बिजवासन ROB से गुरुग्राम में दिल्ली-हरियाणा सीमा तक के खंड का 82% कार्य पूर्ण हुआ है। गुरुग्राम में 2228 करोड़ रुपए की लागत से 10.2 किमी लंबाई के दिल्ली-हरियाणा सीमा से बसई ROB तक के खंड का 93% कार्य पूरा हुआ है और 1859 करोड़ रुपए की लागत से 8.7 किमी लंबाई के बसई ROB से खेरकी दौला (क्लोवरलिफ इंटरचेंज) तक के खंड का 99% कार्य पूर्ण हुआ है।