नई दिल्ली
दिल्ली आशा वर्कर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल का 64वां दिन है पक्की नौकरी और वेतन में बढ़ौतरी जैसी मांगों को लेकर 28 अगस्त से दिल्ली की आशाएं ट्रामा सेंटर, सिविल लाइन पर धरना दे रही है। धरने के दौरान बीच-बीच में विशेष कार्यक्रम के माध्यम से सरकार को जगाने का प्रयास किया है लेकिन, सरकार अपने उदासीनता से सक्रियता में आना नहीं चाहती। यह हाल दिल्ली का नहीं पूरे देश का 30 अक्टूबर को पूरे देश की आशाएं वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर जंतर -मंतर में धरना प्रदर्शन किया था। इसमें तकरीबन हर राज्य की आशाएं वर्कर्स मौजूद थी। इनकी संख्यां लगभग हजारों में थी।
दिल्ली की आशा वर्कर्स ने बीते दो महीनें में दर्जनों कार्यक्रम किए लेकिन, दिल्ली सरकार इनकी मांगे मानने को राजी नहीं है। इसी बीच धरने में पड़ोसी राज्यों की आशा ने धरने में जोड़कर आपना सयोग दिया। आशा वर्कर्स का कहना है कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती है। तब ये अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। आशाएं जब ‘पिंक पिंक लहराएगा हो ठिकाने आएगा , ‘ कहां चली भई कहां चली आशा वर्कर जेल चली जेल चली, ‘हमारी मांगे पूरी करो, ‘केजरीवाल खोलो कान नहीं तो होगी नींद हराम, ‘3000 में दम नहीं 15000 से काम नहीं, ‘प्वाइंट्स काम नहीं करेंगे, नारे लगाए