69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला: चयनित शिक्षक भी सड़क पर उतरे, आरक्षित अभ्यर्थी दे रहे धरना

शिक्षकों ने कहा कि सरकार ने उनकी तैनाती की है, इसमें इनका क्या दोष है?

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लखनऊ, संवाददाता।

69 हजार शिक्षक भर्ती के चयनित सामान्य वर्ग के शिक्षक भी सड़क पर उतर गए हैं। सैकड़ों शिक्षकों ने नौकरी बचाने के लिए गुरुवार को निशातगंज स्थित शिक्षा निदशालय में धरना प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने कहा कि चार साल से नौकरी कर रहे शिक्षकों को न छेड़ा जाए। सरकार उन्हें नौकरी में सुरक्षित बने रखने का फॉर्मूला बताए। यदि शिक्षक इस फॉर्मूले से संतुष्ट नहीं हुए तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

स्कूल महानिदेशक कंचन वर्मा ने धरने पर बैठे शिक्षकों के प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता की, लेकिन बातचीत से शिक्षक संतुष्ट नहीं हुए। शिक्षकों ने सीएम से वार्ता कराने की मांग उठायी।

प्रदेश भर से आए दो हजार चयनित शिक्षकों ने निदेशालय में दिया धरना

हाईकोर्ट द्वारा शिक्षक भर्ती की दोबारा मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश से चयनित शिक्षकों की नौकरी का खतरा मंडराने के डर से गुरुवार को प्रदेश भर से आए करीब दो हजार चयनित शिक्षकों ने निदेशालय में धरना दिया।

शिक्षक बोले, उनकी नौकरी के साथ न कि जाए कोई छेड़छाड़

शिक्षकों ने कहा कि सरकार ने उनकी तैनाती की है। इसमें इनका क्या दोष है? शिक्षकों ने कहा कि उनकी नौकरी के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए। स्कूल महानिदेशक कंचन वर्मा ने शिक्षकों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शिक्षक अनुराग पाण्डेय, सर्वेश प्रताप सिंह, रोबिन व शीवेन्द्र आदि को बुलाकार वार्ता की।

अभी सरकार के पास तीन माह का समय

शिक्षक प्रत्यूष मिश्र ने बताया की महानिदेशक ने कहा कि अभी शासन से कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं मिला है। सभी विकल्पों पर मंथन चल रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अभी सरकार के पास तीन माह का समय है। कोई ऐसा रास्ता शासन के साथ मिलकर निकाला जाएगा। ताकि किसी का अहित न हो। कोई स्पष्ट आश्वासन न मिलने पर शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग उठायी।

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा धरना

हाइकोर्ट के फैसले के बाद भी 69 हजार शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का लगातार तीसरे दिन गुरुवार को धरने पर बैठे रहे। नियुक्ति की मांग को लेकर यह अभ्यर्थी 20 अगस्त शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अभ्यर्थी व संगठन के अध्यक्ष विजय यादव ने बताया कि हाइकोर्ट के फैसले और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्णय के बाद उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। हालांकि शिक्षकों को डर है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी दोबारा इस मामले को लटकाने का प्रयास करेंगे। इसलिए जल्द से जल्द इकोर्ट के फैसले के अनुसार लिस्ट जारी की जाय। अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक लिस्ट जारी नहीं हो जाती आंदोलन जारी रहेगा।

आरक्षित व अनारक्षित शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच दीवार बनी पुलिस

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पहले से ही बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दे रहे हैं। गुरूवार को चयनित अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी भी वहां पहुंच गए। दोनों पक्ष आमने-सामने धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। किसी विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए पुलिस बीच में दीवार बनकर खड़ी रही। हालांकि, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से वार्ता में आश्वासन के बाद अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने धरना समाप्त कर दिया।

सुबह दस बजे ही बड़ी संख्या में प्रदेश भर से चयनित अनारक्षित अभ्यर्थी (शिक्षक) एक दिन की सीएल लेकर निदेशालय पहुंच गए। इससे एससीईआरटी निदेशालय से आगे तक पूरा रास्ता बंद हो गया। पुलिस ने निदेशालय का मुख्य व साइड गेट बंद करवा दिया। इस बीच दोनों पक्ष आमने-सामने बैठकर नारेबाजी करने लगे तो पुलिस ने बीच में रस्सा लगाकर स्थिति संभाली। चयनित अभ्यर्थी चयन सूची से छेड़छाड़ न करने, सुप्रीम कोर्ट से मार्गदर्शन लेने व एक भर्ती में दोहरा आरक्षण न देने की मांग कर रहे थे।

काबिलियत पर नौकरी पाए हैं, समायोजन की भीख मांगने नहीं आए हैं…

सीएम योगी का फ्लैक्स हाथ में उठाए अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आप ही नियोक्ता, आप ही हमारे संरक्षक न्याय दो-न्याय दो…, एक ही नारा एक ही नाम, जय श्रीराम जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। साथ ही काबिलियत पर नौकरी पाए हैं, समायोजन की भीख मांगने नहीं आए हैं… लिखी तख्तियां लिए हुए थे। इस बीच पुलिस शिक्षकों से शांति की अपील करती रही।

निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर मंगलवार से 69 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना जारी है। अभ्यर्थी अपनी मांगों के समर्थन में देर रात तक धरने पर बैठै रहे। बारिश व अन्य समस्याओं को देखते हुए पुलिस ने सख्ती की। बस से सभी को बादशाह नगर स्टेशन पहुंचाया, जहां अभ्यर्थी रात भर रहे। वहीं सुबह फिर से अभ्यर्थी धरना स्थल पर पहुंच गए। अभ्यर्थियों की मांग है कि उन्हें शांतिपूर्ण धरना करने दिया जाए।

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