देश में 7 से 8 आठ लाख HIV संक्रमित, जिन्हें खुद पता नहीं, अब तक चिन्हित 17 लाख से अधिक का चल रहा इलाज

BBAU में HIV/AIDS रोकथाम के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरूआत

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Indinewsline, Lucknow:
लखनऊ स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) के सभागार में मंगलवार से HIV/AIDS रोकथाम पर प्रभावी रणनीति तैयार करने और सेवाओं को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरूआत हुई। इसमें विशेषज्ञों ने कहा कि अब भी सात से आठ लाख ऐसे लोग हैं, जिन्हें यह पता ही नहीं है कि वे HIV संक्रमित हैं।

यूपीसैक्स और BBAU की कार्यशाला 20 मार्च तक चलेगीउत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (यूपीसैक्स) और बीबीएयू के सहयोग से यह कार्यशाला 20 मार्च तक चलेगा। यूपीसैक्स के संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव ने इसका शुभारम्भ किया। संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP) की शुरुआत 1992 में हुई थी और इसका वर्तमान में चल रहा पांचवां चरण मार्च 2026 तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला NACP- छह की आधारशिला रखेगी और इसकी कार्ययोजना को मजबूत करने में सहायक होगी।

अब तक 17,22,000 HIV संक्रमित की पहचान कर किया जा रहा इलाज
नाको के अधिकारी डॉ. साईंप्रसाद भावसार ने बताया कि अब तक 17,22,000 HIV संक्रमित लोगों की पहचान कर उन्हें इलाज दिया जा रहा है। हालांकि, अब भी सात से आठ लाख ऐसे लोग हैं, जिन्हें यह पता ही नहीं है कि वे HIV संक्रमित हैं। उन्होंने कहा कि हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य जोखिमग्रस्त समूहों तक प्रभावी रोकथाम सेवाएं पहुंचाकर वार्षिक नए HIV संक्रमण में 80 प्रतिशत तक की कमी लाना है।

पहले दिन HIV रोकथाम में मौजूदा चुनौतियों पर गहन चर्चा

पहले दिन HIV रोकथाम में सहकर्मी नेतृत्व की भूमिका, विभिन्न राज्यों में चल रही प्रभावी पहल और मौजूदा चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई। समूह चर्चाओं और प्रस्तुतियों के माध्यम से विभिन्न राज्यों के पीयर एजुकेटर्स ने अपने अनुभव साझा किए।

ये विशेषज्ञ रहे मौजूद
इस अवसर पर नाको से डॉ. शांतनु कुमार और यूपीसैक्स से डॉ. गीता अग्रवाल, डॉ. संजय सोलंकी, डॉ. अभिषेक सिंह, आशुतोष गौतम भी उपस्थित रहे। सभी व्यवस्था का संचालन अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के प्रो. कमल जैसवाल और यू.वी. किरण ने संभाला।

210 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
इसमें 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एड्स नियंत्रण सोसाइटी से राज्य स्तर पर नामित पीयर एजुकेटर्स एवं स्वास्थ्य अधिकारियों सहित कुल 210 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

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