UP कांग्रेस प्रवक्ता बोलें-मोदी सरकार में RSS नफरत के एजेंडे को मजबूत कर रहा है,मणिपुर पर भी पूछे सवाल!
भारत में 2016 और 2020 के बीच सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों के 3,399 मामले
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा है कि 2014 से लेकर के देशभर में मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण खबरें साल दर साल बढ़ती गई है। पिछले 9 वर्षों से केन्द्र की मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में आरएसएस लगातार देश में नफरत और विघटन के एजेंडे को मजबूत कर रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि ‘‘द कश्मीर फाइल्स’’, ‘‘द केरला स्टोरी’’ जैसी फिल्मों को पूरे देश में टैक्स फ्री करने के साथ-साथ राज्यवार सांप्रदायिक मुद्दे को गरमाने में भारतीय जनता पार्टी और उसकी राज्य सरकारों की भूमिका किसी से छुपी नहीं है। गृह मंत्रालय संसद मे स्पष्ट कर चुका है कि भारत में 2016 और 2020 के बीच सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों के 3,399 मामले सामने आए हैं। यह डेटा काफ़ी सटीक है और एनसीआरबी के आंकड़ों से भी मेल खाता है। वर्ष 2021 से 2023 के आंकड़े जबकि सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हो पा रहें हैं। फिर भी एनसीआरबी के प्रस्तुत डाटा के आधार पर 2014 से 2020 के बीच सांप्रदायिक दंगों की लगभग 5417 घटनाएं दर्ज हैं।
विकास श्रीवास्तव ने कहा कि इन बीते 9 वर्षों में आरएसएस की पृष्ठभूमि से निकले मौजूदा लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी भी नफरत विघटन और बंटवारे की बढ़ती हिंसा को रोक पाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। मोदी जी के प्रधानमंत्री रहते हुए बीजेपी का मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने, देश के किसी भी राज्य में पनप रहें जातीय और धार्मिक विवादों को हवा दिया है, इसके साथ-साथ ही अपनें नफ़रत और विघटन के एजेंडा को और मज़बूत किया है। सीमावर्ती राज्यों में चाहे जम्मू-कश्मीर हो, असम, मणिपुर व मिजोरम जैसे पूर्वाेत्तर के राज्यों में पनप रहे स्थानीय विवादों का बीजेपी/आरएसएस ने सांप्रदायिककरण करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में कोई कसर नहीं छोड़ा। सच्चाई किसी से छुपी नहीं है कि राष्ट्रीय सीमावर्ती अति संवेदनशील इन सभी राज्यों में आरएसएस के बड़े नेता राम माधवन, बीजेपी संगठन प्रभारी के तौर पर लगातार विवादों के घेरे में रहें है।
प्रवक्ता ने कहा कि आज प्रश्न उठता है कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर रेप की घटना क्यों हुई? भीड़ को कहाँ से ताक़त मिली? मैतेयी और कुकी नागा समुदायों में पनपे विवाद और असंतोष को न रोके जाने के पीछे का षडयंत्र क्या है? 79 दिनों तक यह पाप कृत्य भरा वीडियो केंद्र सरकार और मणिपुर राज्य सरकार के संज्ञान में क्यों नहीं पहले आया? अगर सरकार की जानकारी में था, तो मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह समेत दिल्ली में बैठे प्रधानमंत्री और उनकी केंद्र सरकार अब तक क्यों सो रही थी? महिला उत्पीड़न, दलितों, अतिपिछड़ों के उत्पीड़न की लगातार देखी जा रही तमाम घटनायें दिल्ली समेत कई राज्यों और सीमावर्ती राज्यों में पनपते अंसतोष को भी सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए।