अपने सेवा विस्तार की मांग के समर्थन में संविदा कर्मचारियों ने गुरुवार को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के आवास का घेराव किया। सड़क पर उतर आए इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने स्थायी नौकरी की मांग शुरू कर दी। इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि कोविड महामारी में उन लोगों ने जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की। अब उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। कहीं समायोजित भी नहीं किया जा रहा है। उन्हें तुरंत ही समायोजित किया जाए।
जद्दोजहद करते रहे, लेकिन डिप्टी सीएम ने इन कर्मचारियों से नहीं कि मुलाकात
हटाए गए कर्मचारी अधिक संख्या में डिप्टी सीएम के राजभवन स्थित सरकारी आवास के बाहर सुबह करीब आठ बजे पहुंच गए। काफी देर तक कर्मचारी डिप्टी सीएम से मिलने के लिए जद्दोजहद करते रहे, लेकिन डिप्टी सीएम ने इन कर्मचारियों से मुलाकात नहीं की। इस पर कर्मचारी काफी देर तक वहां डटे रहे। मांग करने लगे कि उन लोगों को तुरंत ही कहीं समायोजित किया जाए। क्योंकि परिवार के भरण पोषण में अब उन्हें दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। कोरोना महामारी के समय उन लोगों से काम करवाया गया। अब उन्हें अनाथ छोड़ दिया गया।
पुलिस बसों में भरकर गार्डेन पार्क ले गई
डिप्टी सीएम के आवास के बाहर जाने के बाद ही इन कर्मचारियों को करीब पौने 12 बजे पुलिस बसों में भरकर आलमबाग गीतापल्ली के पास ईको गार्डेन पार्क ले गए। वहां इन कोविड काल के कर्मचारियों ने आंदोलन जारी रखा। इन कर्मचारियों के साथ ही एनएचएम के 17 हजार संविदा भर्ती वेटिंग को लेकर भी अभ्यर्थी प्रदर्शन करने पहुंचे।
अभी तक वेंटिग लिस्ट क्लियर नहीं की गई
इनका कहना है कि यूपी एनएचएम में 17000 संविदा भर्ती का नोटिफिकेशन नवंबर 2022 में जारी किया गया था, लेकिन अभी तक वेंटिग लिस्ट क्लियर नहीं की गई। दावा किया गया था कि छह माह में फिर से वैकेंसी आएगी, उसमें ज्वाइनिंग कराई जाएगी। आठ माह बीत जाने के बाद भी वेटिंग लिस्ट वालों की नियुक्ति नहीं हो पाई। वे भी डिप्टी सीएम के आवास का घेराव करने में शामिल रहे। इसके बाद नारेबाजी कर धरना-प्रदर्शन शुरू किया।