लखनऊ: कोर्ट में पेशी पर आया कैदी पुलिस हिरासत से फरार, ढूंढने में जुटी पुलिस

जानकीपुरम थाने से धोखाधड़ी के मामले में भेजा गया था जेल

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लखनऊ, संवाददाता।

गोसाईगंज जिला जेल से मंगलवार को वजीरगंज स्थित जिला न्यायालय पेशी पर पहुंचा कैदी राजकुमार पुलिस हिरासत से फरार हो गया। उसे जानकीपुरम थाने से धोखाधड़ी के मामले में जेल भेजा गया था। मंगलवार को दो सिपाहियों के साथ वह पेशी पर आया था।

इसी बीच सिपाही विपिन पाडेय और देवेश कुमार को चकमा देकर वह फरार हो गया। बताया जा रहा है कि वह बिना हथकड़ी के सिविल कोर्ट में गाड़ी से उतरा और मौका देखकर फरार हो गया। इस बात की सूचना तत्काल वजीरगंज पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस कैदी की तलाश में जुट गई है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए डीसीपी पश्चिम ओमवीर सिंह की ओर से दो टीमों का गठन किया गया है। डीसीपी वेस्ट ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले सिपाहियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

सफाईकर्मी था आरोपी, अफसर बनकर करता था जालसाजी

मड़ियांव के ओरो सिटी निवासी आरोपी राजकुमार सफाई कर्मी था। इसके साथ ही वह उत्तर प्रदेश पंचायती राज सफाई कर्मचारी संघ में सदस्य भी था। उसने कई लोगों से अधिकारी बन कर नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी को अंजाम दिया था। जानकीपुरम थाने में 2024 की जनवरी में उसके खिलाफ अतिकुल रहमान नामक व्यक्ति ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। थाने में उसके खिलाफ धारा 406 व 420 के तहत मामला दर्ज हुआ था। जाँच के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

पीड़ित जब ज्वाइनिंग लेटर लेकर पंचायती राज विभाग पहुंचे तो हुई ठगी की जानकारी

पुलिस से पूछताछ में आरोपी ने बताया था कि उसने अतीकुल रहमान व उसके भाई आरजू को नौकरी लगवाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की और मेडिकल आदि के बाद उन्हें फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेज दिया। पीड़ित जब ज्वाइनिंग लेटर लेकर पंचायती राज विभाग पहुंचा तो उसे ठगी की जानकारी हुई।

आरोपी के खिलाफ लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती आदि जिलों में ठगी के मुकदमे दर्ज

पुलिस के अनुसार आरोपी के खिलाफ लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती आदि जिलों में ठगी के मुकदमे दर्ज हैं। वह नगर निगम में सफाई कर्मी के पद पर तैनात था लेकिन अधिकारी बनकर लोगों की नौकरी लगवाने के दावे करता था। कई लोगों से उसने पैसे भी ऐंठ लिए थे। जब वही नौकरी नहीं लगवा पाया तो लोगों ने रकम वापस मांगनी शुरू कर दी। पैसा न देना पड़े इसलिए वह फरार हो गया।

वह मूलरूप से बस्ती का रहने वाला था और लोगों के पैसे लेकर बस्ती भाग गया था। हालाँकि बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

वह फर्जी अधिकारी बनकर फ्रॉड और जालसाजी करता

जब राजकुमार कनौजिया के बारे में लोगों ने जानकारी खंगालना शुरू किया तो पता चला कि वह सफाई कर्मचारी है। कहीं भी कोई अधिकारी नहीं है। वह फर्जी अधिकारी बनकर फ्रॉड और जालसाजी करता है। भोले-भाले और पढ़े-लिखे बेरोजगार लोगों को सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों-करोड़ों की ठगी करता है।

लोगों को जब राजकुमार के बारे में पता चला तो वह अपना पैसा वापस मांगे। तब भी वह लोगों को सरकारी नौकरी दिलवाने का झूठा आश्वासन देता रहा था। यह पूरी बातचीत शिकायतकर्ता ने रिकॉर्ड कर ली। इसी आधार पर वह राजकुमार कनौजिया के खिलाफ छल, कपट और धोखाधड़ी से 10 लाख रुपए हड़पने का केस दर्ज कराया था।

दो सिपाहियों की लापरवाही, होगी कार्रवाई

डीसीपी पश्चिमी ओमवीर सिंह ने बताया कि दोपहर 3.30 बजे पुलिस को सूचना मिली की एसीजेएम-6 की कोर्ट में पेशी पर आया कैदी राजकुमार फरार हो गया है। मौके पर पुलिस टीम पहुंची। शुरूआती जांच में पता चला कि कांस्टेबल विपिन पाण्डेय और देवेश कुमार की लापरवाही से कैदी भागने में सफल रहा। दोनो सिपाहियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। कैदी को पकडऩे के लिए टीम बनाई गयी है। जल्द ही उसे पकड़ लिया जायेगा।

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