पैराग्लाइडिंग के दौरान हुआ था एक्सीडेंट, जानें कैसे फिर खड़े हुए फैबियन

श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में हुआ फैबियन लेंट्सच की सर्जरी, दो साल बाद दिखने लगा सुधार

0 29
नई दिल्ली,
पैराग्लाइडिंग के दौरान हुए एक्सीडेंट ने फैबियन लेंट्सच को पूरी तरह से तोड़ दिया। घटना के बाद फैबियन सही से बैठ भी नहीं सकते थे। लेकिन श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में हुई सर्जरी के बाद उनमें सुधार देखा गया।
साल 2022 में लद्दाख आए 29 साल के फैबियन लेंट्सच पैराग्लाइडिंग कर रहे थे। इसी दौरान वह खाई में गिर गए। इस घटना में उन्हें गंभीर चोट आई। इस कारण व्हीलचेयर पर रहना पड़ा। फिल्म निर्माता फैबियन बड़े पहाड़ों के फ्री राइडर और रेड बुल एथलीट के रूप में जाने जाते हैं। घटना के तीन दिन बाद उन्हें श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में लगाया गया। उसी रात उनका सफलतापूर्वक सर्जरी हुई। दुर्घटना में उनकी पीठ के मध्य में एक कशेरुका फट गई, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी दब गई।
दुर्घटना के बाद, फैबियन ने श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में स्पाइन सेवाओं के प्रमुख डॉ. एचएस छाबड़ा से रीढ़ की सर्जरी करवाई। डॉ. छाबड़ा की विशेषज्ञ देखभाल और मार्गदर्शन में, फैबियन में काफी सुधार हुआ उन्होंने चलना सीखा, अपने पैरों की ताकत को दोबारा वापस पाए और पहले के मुकाबले उन में काफी ज्यादा सुधार हुआ फिर वह अपने देश चले गए, परंतु डॉ. छाबड़ा के संपर्क में रहे।
श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट और डॉ. छाबड़ा की तस्वीरों के साथ, फैबियन द्वारा उनके ठीक होने की अविश्वसनीय यात्रा को दर्शाने के लिए गोल्डन स्माइल नामक एक डॉक्यूमेंट्री को बनाया जा रहा है। उम्मीद है कि इस डॉक्यूमेंट्री में न केवल भारतीय विशेषज्ञ की विशेषज्ञता दिखाई जाएगी, बल्कि श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में जानलेवा रीढ़ की हड्डी की चोटों के लिए उपलब्ध विश्व स्तरीय सुविधाओं को भी दिखाया जाएगा। डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य ऐसे और भी लोगों को प्रेरित करना है और प्रोत्साहित करना है जिन्होंने इस तरह की दर्दनाक घटना को झेला, ऐसे चोटों के दर्द को झेला और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े।
अपनी बात रखते हुए फैबियन ने कहा कि डॉ. छाबड़ा को उनकी असाधारण विशेषज्ञता, देखभाल और सहायता के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। मुझे सच में विश्वास है कि उनकी विशेषज्ञता और समर्पण ने मेरे ठीक होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं डॉ. छाबड़ा ने कहा कि फैबियन की रिकवरी अपने आप में असाधारण है। उन्होंने अपनी चुनौतियों का डटकर सामना किया, अपने रिहैबिलिटेशन के दौरान अविश्वसनीय धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाया। उनकी कहानी विपरीत परिस्थितियों पर काबू पाने के लिए कई लोगों को प्रेरित करती है जो इस तरह की चोटों का सामना करते हैं।
Leave A Reply

Your email address will not be published.