पालम की सड़कें गड्ढे में तब्दील, पैदल चलना भी मुश्किल
बारिश में सड़को ने तोड़ा दम, जलभराव दे रहा मौत को दावत
नई दिल्ली।
1400 साल पुराना गांव पालम के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। उपनगरी द्वारका को जोड़ने वाली पालम फ्लाईओवर के नीचे चारों तरफ की सड़कों का हाल बद से बदतर हो चुका है। वहीं चारों तरफ डेढ़ से 2 फुट गड्ढे लोगों के जान की आफत बन चुकी है। आए दिन लोग इससे दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। रात के वक्त यहां अंधेरा छाया रहता है। इस कारण भी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सड़कों का इतना बुरा हाल है कि लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। लोगों की जान गले में अटकी रहती है। बारिश के मौसम में यह चौराहा तालाब में तब्दील हो जाता है।
सड़क के रख-रखाव की जिम्मेदार दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की है। इसका कार्यालय पालम चौराहे के पास है।
फेडरेशन ऑफ साउथ एंड वेस्ट डिस्ट्रीक्ट वेलफेयर फोरम एवं राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणबीर सोलंकी ने डीडीए को शिकायत दी है। अपने शिकायत पत्र में उपरोक्त स्थान के साथ रामफल चौक से ब्रह्मा अपार्टमेंट से जाट चौक तक का हाल की जानकारी दी। साथ ही बताया कि सड़कों व ध्वस्त सीवर सिस्टम की वजह से चलना भी दुर्भर हो गया है। लेकिन न तो डीडीए रोड दुरुस्त करने का कार्य कर रही न ही दिल्ली जल बोर्ड एसीई एम (नौ) के अधिकारी काम करने को तैयार है।
जनप्रतिनिधि चुनाव जितने के बाद से ही अगले पांच साल के अवकाश पर है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए सोलंकी एवम क्षेत्र वासियों ने उपराज्यपाल, डीजेबी उपाध्यक्ष एवम सीईओ से मांग की तत्काल संबधित अधिकारियों को निर्देश दे समस्या पर नियंत्रण किया जाए।