लखनऊ के विधायक आवास में मिला युवक का शव,संदिग्ध मौत से हत्या की आंशका

चोट के मिले निशान, फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए

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लखनऊ, संवाददाता।
राजधानी के हुसैनगंज चौराहे के पास ओसीआर बिल्डिंग (विधायक आवास) परिसर में सोमवार देर रात हिमांशु कुमार (27) की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। ए-ब्लाक में जीने के पास उनका शव पड़ा मिला। कोहनी में चोट और गर्दन व पीठ में रगड़ के निशान थे। विधायक आवास परिसर में शव मिलने की सूचना पर मंगलवार सुबह पुलिस उपायुक्त मध्य रवीना त्यागी, एसीपी हजरतगंज अरविंद वर्मा और इंस्पेक्टर हुसैनगंज मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए।

पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे पिता ने बेटे के रूप में की शव की शिनाख्त

पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे लालकुआं निवासी राजाराम ने शव की शिनाख्त बेटे हिमांशु कुमार के रूप में की। उन्होंने बताया कि बेटा मानसिक मंदित था। उसका इलाज कई साल से चल रहा था। सोमवार रात वह परिवारीजनों से मारपीट कर कहीं चला गया था। देर रात तक वह नहीं लौटा। कभी कभार वह रात में निकल जाता था और सुबह आता था। इस लिए उसकी खोजबीन रात में नहीं की गई थी।

सीसीटीवी में युवक रात को ओसीआर के पिछले रास्ते से जाता दिखाई पड़ा था

पुलिस उपायुक्त मध्य (डीसीपी सेंट्रल) रवीना त्यागी ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे में वह रात 10.55 बजे ओसीआर बिल्डिंग के पिछले रास्ते से ए-ब्लाक की ओर जाता दिखाई पड़ा था। हाफ पैंट और टीशर्ट पहने था। कुछ देर बाद उसका शव पड़ा मिला। परिसर में लोहे की ग्रिल लगाने और वेल्डिंग का काम चल रहा है। ग्रिल के बीच में ही उसका शव पड़ा मिला था। एसीपी ने बताया कि हिमांशु के परिवारीजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बिल्डिंग के ऊपर से युवक फेंके जाने की आंशका

स्थानीय लोगों ने अंदेशा जताया है कि शायद हिमांशु को बिल्डिंग के ऊपर से फेंका गया। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। पुलिस कई अलग-अलग बिंदुओं पर तफ्तीश कर रही है। एक पहलू ये भी देख रही है कि उसको कहीं बाहर मारा पीटा गया और फिर वहां ले जाकर फेंक दिया गया हो। ओसीआर भवन में रहने वालों ने सुबह करीब साढ़े पांच बजे सीढिय़ों के पास शव पड़ा देखा। तत्काल उन्होंने पुलिस को सूचना दी। राजधानी लखनऊ के व्यस्ततम इलाके हुसैनगंज में ओसीआर भवन स्थित है। इसमें कई विधायक और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति रहते हैं। विधायक निवास की प्रदेश की विधानसभा से करीब 500 मीटर दूरी है।

लखनऊ की ओसीआर बिल्डिंग को पहले कहा जाता था सुसाइड टावर

लखनऊ की ओसीआर बिल्डिंग को पहले सुसाइड टावर भी कहा जाता था। बीस बाइस साल पहले इस बिल्डिंग से बहुत लोग सुसाइड कर लेते थे और दो बार यहां ऊपर से मर्डर करके शव नीचे भी फेंका गया था। तब बिल्डिंग में रहने वालों ने यहां हवन भी किया था और बिल्डिंग के अंदर जाल भी लगाये गये थे।
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