राजधानी लखनऊ के ही अस्पतालों में आयुष्मान मरीजों का मुफ्त फ्री में इलाज नहीं हो पा रहा है। मामला बलरामपुर अस्पताल का है। जहां न्यू बिल्डिंग स्थित नेफ्रोलॉजी विभाग में भर्ती मरीज़ से आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद बाहर से दवाईयां मंगवाई गईं।
आरोप है कि यहां पांच दिन में 15 से 20 हजार रुपये खर्च हो गए। अस्पताल के सीएमएस ने तत्काल मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
बाराबंकी जिले के मसौली तहसील स्थित सतविसवां गांव निवासी कमलेश कुमार सांस संबंधी समस्या से परेशान हैं। वह आयुष्मान लाभार्थी भी हैं। कमलेश ने बताया कि उनकी अचानक सांस फूलने लगी तो उनके परिजनों ने उन्हें करीब पांच दिन पहले बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां न्यू बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित नेफ्रोलॉजी विभाग के वार्ड 15 में वह भर्ती हैं।
जबसे भर्ती हूँ तबसे अभी तक दवा में 20 हजार खर्च हो गए
यह पूछे जाने पर की आप आयुष्मान मरीज हैं तो आपका निःशुल्क इलाज चल रहा होगा। इस पर पीड़ित कमलेश ने बताया कि यहां मैं जबसे भर्ती हूँ तबसे लेकर अभी तक दवा में करीब 15 से 20 हजार रुपये खर्च हो गए हैं। अस्पताल के अलावा कुछ दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती हैं। एक बार में तीन हजार तक खर्च हो जाते हैं। कमलेश तीन साल से यहां अपना इलाज करा रहे हैं।
बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि अभी यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। सम्बंधित डॉक्टर से रिपोर्ट मांगी गई है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। जांच कराई जाएगी। दवा बाहर से खरीदी गई होगी तो उस रकम को लोकल पर्चेज के माध्यम से उसे भी आयुष्मान के खर्चे में जोड़ा जाएगा। मरीज से कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।