राजधानी लखनऊ में स्थित चंदन अस्पताल के डॉक्टर अत्याधुनिक तरीके से बिना सर्जरी के हार्ट के वॉल्व का रिप्लेसमेंट कर रहे हैं। यह जानकारी विश्व हृदय दिवस के अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी गई। डॉक्टरों ने बताया कि ये नई प्रक्रिया जटिल हृदय के मरीजों को जीवन की गुणवत्ता में सुधार और उनके जीवन बचाने के लिए कारगर हैं।
इस अस्पताल के डॉ. मुकुल मिश्रा के नेतृत्व में यहां की कार्डियोवैस्कुलर टीम हृदय रोगियों के इलाज में सबसे आगे है।
ये न्यूनतम आक्रामक प्रक्रियाएं क्षतिग्रस्त हृदय वाल्व और अन्य हृदय संरचनाओं की मरम्मत या प्रतिस्थापन करती हैं, जिससे ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. दानिश हसन काजमी ने कहा कि हमने पाचं महीने पहले अपना “स्ट्रक्चरल हार्ट इंटरवेंशन प्रोग्राम” शुरू किया था और थोड़े ही समय में हमारी टीम ने ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) लार्ज एएसडी डिवाइस क्लोजर और एडल्ट पीडीए डिवाइस क्लोजर सहित कई इंटरवेंशन सफलतापूर्वक किए हैं।
इन प्रक्रियाओं ने गंभीर वाल्व रोगों वाले रोगियों के लिए परिणामों में काफी सुधार किया है और शल्य चिकित्सा के जोखिम को कम किया है। उन्होंने कहा कि हार्ट से सम्बन्धी समस्याओं के निदान के लिये ECG, ECHO, TMT जांचों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
एक सवाल के जवाब में डॉ. दानिश हसन काजमी ने बताया कि जिम जाने के लिये इच्छुक युवाओं को भी नयी शुरूआत करने से पहले अपने चिकित्सक की राय जरुर लेनी चाहिए।
इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रितेश पांडेय ने भी लाइफ स्टाइल में सुधार, खान-पान आदतों और नियमित शारीरिक जाँच की आवश्यकता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया।
कार्डियोथोरेसिक सर्जरी यूनिट के अध्यक्ष डॉ. जिगर शाह ने चंदन अस्पताल में ‘हार्ट टीम’ दृष्टिकोण की अवधारणा को दोहराया जो प्रत्येक मामले में आवश्यक उपचार की सही पद्धति सुनिश्चित करता है, चाहे वह इंटरवेंशनल/न्यूनतम इनवेसिव या ओपन हार्ट सर्जरी हो। उन्होने बताया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता से ही दिल के रोगों से बचा जा सकता है।इन हस्तक्षेपों की अवधारणा के बारे में बताते हुए डॉ. वरुण शर्मा ने बताया कि इन न्यूनतम आक्रामक हस्तक्षेपों में ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है, जो रोगी के लिए कम बोझिल होते हैं और उन्हें अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल जाती है।
हृदय रोग के कारण रुग्णता और मृत्यु दर को रोकने की प्रतिबद्धता की दिशा में विश्व हृदय दिवस के लक्ष्य के रूप में, प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सैयद बेलाल हसन ने हृदय संबंधी जोखिमों और शीघ्र मृत्यु को कम करने के लिए स्वस्थ जीवन शैली और निवारक उपायों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
नॉन-इनवेसिव यूनिट की प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गीता अलरानी ने हृदय स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इष्टतम हृदय स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के नियमित परीक्षण के बारे में बात की।
इस अवसर पर हृदय विज्ञान इकाई के डॉक्टरों और कर्मचारियों को भी उनकी प्रतिबद्धता और अनुकरणीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। प्रसिद्ध हिंदी कवि पंकज ‘प्रसून’ ने अपने काव्य से भी स्वास्थ्य संबन्धि जानकारियां साझा की। इस अवसर पर चन्दन हॉस्पिटल के टीम मेंबर्स और रोगी भी उपस्थित रहे।