‘प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी’: आज मां देंगी भक्तों के घर शैलपुत्री रूप मे दर्शन!
बाराबंकी जिले में गोमती के तट पर विशाल सैलानी माता का मंदिर में प्रत्येक पूर्णिमा को लगता है मेला
बाराबंकी, मुकेश कुमार।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले के तहसील नवाबगंज में डल्लू खेड़ा गांव स्थित गोमती के तट पर विशाल सैलानी माता का मंदिर बना हुआ है। जहां प्रत्येक पूर्णिमा को मेला लगता है। लाखों श्रद्धालुओं का आवागमन रहता है तथा सभी की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।
बंकी ब्लॉक क्षेत्र के डल्लू खेड़ा स्थित गोमती के तट पर पौराणिक सैलानी माता का मंदिर बना हुआ है। जहां पर प्रत्येक पूर्णिमा के दिन मेला लगता है तथा माघ माह की पूर्णिमा को विशाल मेला लगता है। जिसमें सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जाते हैं। जहां शारदीय नवरात्रि आरंभ होते ही मंदिर में रंगाई पुताई व साफ सफाई का कार्य हो रहा है। नवरात्रि के दिनों में विशेष आयोजन होते हैं।
प्रत्येक दिन के हिसाब से अलग-अलग नौ देवियों के रूप में पूजा अर्चना होती है। जहां पर पर्यटन विभाग द्वारा सैलानी देवी मंदिर पर प्रथम शैलपुत्री के रूप में बताया गया। यहां पर जनपद ही नहीं लखनऊ, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, अमेठी, रायबरेली, उन्नाव सहित आसपास के श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। प्रशासन द्वारा मंदिर को ट्रस्ट बना दिया गया है। समिति अध्यक्ष मुन्ना प्रधान ने बताया कि मंदिर पर साफ सफाई का कार्य चल रहा है।
वहीं पुजारी बाबा वासुदेव दास ने बताया कि मंदिर पर माता रानी की इच्छा से नवरात्रि भर विशेष आयोजन एवं श्रद्धालुओं का आवागमन रहता है। लोगों का मानना है कि एक समय मे लोग यहां पर शादी विवाह में प्रयोग होने वाले बर्तन भी भक्त मांगते थे।
लखनऊ के लोगों ने मां के सामने अपनी जीभ को काटकर चढ़ा दिया था। बारह घंटे के बाद मां ने उसकी जीभ पूरी की थी। तभी से यहां भक्तों की मांगी मुराद पूरी होती है। आज भी यहां का अभरन सरोवर निरंतर शीतल जल के साथ बहता रहता है। यह मंदिर लखनऊ राजधानी से सटा हुआ है जो बाराबंकी सीमा में पड़ता है। यहां भक्तों का जन सैलाब देखने को मिलता है। आज भी रात मे घंटे घड़ियाल और छम छम की आवाज सुनाई देती है। यहां गोमती नदी के किनारे जंगल में हिरण, नीलगाय, बारासिंघा और अन्य प्रकार के कई जानवर भी देखने को मिलते हैं।