सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने मुसलमानों को सुअर के गोश्त खाने की सलाह दी तो उनके प्रसंशक भड़क उठे। उन्होंने रविवार को अपने सोशल मीडिया फेसबुक पर यह भड़काऊ बयान पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि “मैं स्वयं गाय और सुअर दोनोँ का गोश्त खाता हूँ।”
पूर्व जज ने लिखा कि जब रसूल और इस्लाम ने सुअर का गोश्त खाना वर्जित किया था। उस ज़माने में आधुनिक डेरी (dairies) नहीं होते थे , और सुअर सड़क पर पड़े कूड़ा- कचरा खाते थे, जिससे उनका गोश्त खाने से बीमारियां (जैसे टेपवर्म) होने की संभावना थी। इसलिए उस ज़माने में, अर्थात सातवीं सदी ( 7th century) में सुअर के गोश्त खाने पर प्रतिबन्ध लगाना उचित और दुरुस्त था।”
श्री काटजू ने आगे लिखा कि, “पर आज आधुनिक डेरी (dairies) होती हैं, जिसमें सुअरोँ को साफ़ सुथरा और हाइजीनिक (hygienic and sanitary) वातावरण में पाला जाता है।
इसलिए आज मुसलामानों को सुअर का गोश्त खाने में कोई परहेज़ नहीं होना चाहिए। मैं स्वयं गाय और सुअर दोनोँ का गोश्त खाता हूँ।”
पूर्व जज मार्कंडेय काटजू के पोस्ट को आपत्तिजनक बताते हुए मुस्लिम समाज के लोगों ने उनके पोस्ट पर कमेंट करते हुए इसका विरोध किया है।
अशफाक खान लिखते हैं, “आजकल इंसान और जानवर भी साफ़ सुथरे हाइजेनिक माहौल में रहते हैं इसलिए गुह और गोबर भी खाना शुरु कर दीजिए।” ,मोहम्मद परवेज ने लिखा, “जैसा खाते हो वैसी सोच है।”
ऐसी तरह अनवर हुसैन ने लिखा, “सर थोड़े थोड़े दिन पर आप भी अपना ज़ेहन चेक करते रहते हैं ठीक से काम कर रहा है या नही?” वहीं मोहम्मद आदिल मेवाती ने लिखा, “इस्लाम ने जिस चीज को सही बताया है, वह हमेशा सही रहेगीं, जिसको ग़लत बताया है, वह हमेशा ग़लत रहेगी…..आप लोग खाइये, खूब खाइये…मुसलमान को पता हैं, जो चीज हराम है वो हराम रहेगी।”