लखनऊ के अनाथालय से नौ किशोरियां फरार, दो को पकड़ा, सात की तलाश में जुटी पुलिस

गिनती के वक्त किशोरियां गायब मिलीं तो मचा हड़कंप, जिलाधिकारी समेत सभी अफसरों ने किया निरीक्षण

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लखनऊ, संवाददाता।

अलीगंज स्थित श्रीराम औद्योगिक अनाथालय से शुक्रवार तड़के नौ किशोरियां बाथरूम की ग्रिल काटकर भाग निकलीं। सुबह गिनती के वक्त किशोरियां गायब मिलीं तो हड़कंप मच गया। सूचना पर अलीगंज पुलिस ने तलाश शुरू की तो पुरनिया पुल के पास दो किशोरियां घूमती मिलीं। इन्हें अनाथालय के सुपुर्द कर दिया गया। बाकी सात अब तक लापता हैं। उनकी तलाश में पुलिस टीमें जुटी हुई हैं। सुरक्षा के नाम पर यहां कोई विशेष इंतजाम नहीं था। अनाथालय में कुल नौ कैमरे लगे हैं, लेकिन जिस तरफ से लड़कियां भागीं, उधर कोई कैमरा नहीं लगा था।

सूचना पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार भी पहुंचे। उन्होंने मौके पर जाकर सभी 33 किशोरियों को राजकीय बालिका गृह पारा भेजने भेजने का आदेश दिया है। इस फैसले के विरोध में किशोरियों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। खबर लिखे जाने तक वे धरने पर डटी थीं।

बाथरूम की ग्रिल काटकर छोटी से खिड़की से एक-एक कर भागीं, किसी को नहीं लगी इसकी भनक

सेक्टर आई स्थित श्रीराम औद्योगिक अनाथालय में बाथरूम की ग्रिल काटकर छोटी से खिड़की से किशोरियां एक-एक कर निकल भागीं। किसी कर्मचारी को इसकी भनक तक नहीं लगी। सुबह इसकी जानकारी होते ही हड़कम्प मच गया। डीएम सूर्यपाल गंगवार, निदेशक महिला कल्याण, जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ), एसीपी अलीगंज बृजनारायण सिंह पहुंचे। दोपहर में डीएम ने श्रीराम औद्योगिक अनाथालय ट्रस्ट के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। ट्रस्ट सदस्यों से कहा कि यहां बच्चियों का संरक्षण ठीक नहीं है। एनजीओ, संस्था को वृद्धा आश्रम चलाना चाहिए। बालिकाओं को सरकारी संरक्षण गृह में ही रखा जाना चाहिए। उन्होंने डीपीओ को निर्देश दिया कि यहां की बच्चियों को राजकीय बाल संरक्षण गृह पारा भेज दिया जाए।

संरक्षण गृह पारा भेजने के आदेश के विरोध में किशोरियां धरने पर बैठीं

राजकीय बालिका संरक्षण गृह पारा भेजने के आदेश के विरोध में किशोरियां धरने पर बैठ गईं। वे यहां से जाने को तैयार नहीं हुईं। दोपहर बाद इन्हें शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हुई और अफसर मौके पर पहुंचे मगर देर शाम तक यहां धरना प्रदर्शन चलता रहा। अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया लेकिन जाने को तैयार नहीं हैं। देर शाम तक मान मनौवल जारी रहा। अधिकारी गाड़ी के साथ अलीगंज में बैठे थे।

अलीगंज के श्रीराम औद्योगिक अनाथालय में पॉक्सो एक्ट और घर भागी ऐसी किशोरियां हैं, जो घर जाने को तैयार नहीं हैं। इस आश्रम की सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं थी। इसी वजह से वे यहां से भागने में कामयाब हुईं। बच्चियों ने शीशा, जाली तोड़ा, उससे साफ है कि यहां कोई देखने वाला नहीं था। शुरुआती जांच में सुरक्षा के साथ अन्य तमाम खामियां मिली हैं। डीएम के निर्देश पर डीपीओ विकास सिंह ने जांच शुरू की है। सुरक्षा के नाम पर यहां कोई विशेष इंतजाम नहीं है।

अनाथालय में लगे सभी नौ कैमरे में भी नहीं दिखीं किशोरियां

अनाथालय में कुल नौ कैमरे लगे हैं। लेकिन जिस तरफ से लड़कियां भागीं, उधर कोई कैमरा नहीं लगा था। छात्राओं को पता था कि किस तरफ कैमरे नहीं हैं। इसी वजह से उन्होंने इसी तरफ ग्रिल काटी। ताकि कैमरों की पकड़ में आए बगैर वह बाहर निकल जाएं।

एलडीए ने ट्रस्ट को मुफ्त दिया संरक्षण गृह

जिस संरक्षण गृह से किशोरियां भागीं, उसे एलडीए ने ट्रस्ट को मुफ्त दिया है। पहले ट्रस्ट का यह संरक्षण गृह लाटूश रोड पर था। एलडीए ने लाटूशरोड की जगह वापस लेकर बदले में अलीगंज सेक्टर आई में नयी जगह दी। प्राधिकरण ने ही इसकी बिल्डिंग भी बनायी। अलीगंज में यह संरक्षण गृह काफी प्राइम लोकेशन पर है।

डीएम ने सभी किशोरियों को यहां से हटाने का दिया आदेश

श्रीराम औद्योगिक अनाथालय ट्रस्ट के मेम्बर इंचार्ज ओम प्रकाश ने बताया कि भागी सात किशोरियों को पुलिस खोज रही है। डीएम ने यहां से सभी को हटाने का आदेश दिया है लेकिन बच्चियां जाने को तैयार नहीं हैं। डीएम से अनुरोध किया गया कि दूसरा लाइसेंस, अनुमति मिल जाने पर बच्चियों को हटाया जाए। भवन खाली रहेगा तो कब्जा हो सकता है।

ट्रस्ट को इसे वृद्धाश्रम और बच्चों के आश्रय गृह के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव- डीएम

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार के मुताबिक अनाथालय में 10 से 18 वर्ष की किशोरियों को रखा गया है। ट्रस्ट को इसे वृद्धाश्रम और बच्चों के आश्रय गृह के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव दिया गया है। संस्था में कुल 40 बालिकाएं, दो नवजात शिशु बाल कल्याण समिति के आदेश से रखे गए थे। सुरक्षा की दृष्टि से डीपीओ को इन्हें राजकीय बालिका गृह पारा भेजने और जांच कमेटी गठित करने का आदेश दिया है।

दो बच्चियां पुरनिया पुल के पास घूमती मिलीं- एसीपी

अलीगंज एसीपी बृज नारायण सिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह अनाथालय प्रशासन ने पुलिस को बच्चियों के भागने की सूचना दी थी। छानबीन के दो बच्चियों को पुरनिया पुल के घूमती मिलीं। इन्हें अनाथालय को सौंप दिया गया। सात किशोरियां अभी भी गायब है। इनकी तलाश के लिए पुलिस टीम प्रयास्कर रही है।

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