डेंगू से कोई भी प्रभावित हो सकता है लेकिन गर्भवती के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। डेंगू होने पर गर्भवती की तुरंत जांच करायें और इलाज शुरू करें। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता देव ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान डेंगू होने का खतरा इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि इस दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। गर्भवती को डेंगू होना जच्चा और बच्चा दोनों के लिए खतरनाक होता है।
कई बार गर्भपात, समय से पहले बच्चे के के जन्म का खतरा
यदि गर्भवती डेंगू से ग्रसित है तो डेंगू की एंटीबॉडीज गर्भस्थ में जा सकती हैं जिससे गर्भस्थ भी डेंगू से प्रभावित हो सकता है। जिसके कारण कई बार गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म तथा बच्चा कम वजन का हो सकता है। साथ ही बच्चे में जन्मजात शारीरिक और मानसिक विकलांगता आ सकती है। अधिक गंभीर स्थिति माँ और गर्भस्थ दोनों के साथ कोई भी अनहोनी घटित हो सकती है।
गर्भवती के शरीर मे प्लेटलेट्स की संख्या कम होने से हो सकती है रक्तस्राव की समस्या
इसके अलावा गर्भवती के शरीर मे प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के कारण रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। साथ ही तेज बुखार के कारण शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। इसलिए गर्भवती को अगर डेंगू होता है तो उसे तुरंत अस्पताल में और डॉक्टर की देख रेख में इलाज करना चाहिए। कोई भी दवा बिना चिकित्सक की सलाह के न दें।
गर्भवती बरतें सावधानी
डॉ. सुजाता बताती हैं कि डेंगू से बचने के लिए कुछ सावधानी बरतें जैसे पूरी बांह के कपड़े पहने, मच्छरदानी में सोएं, मच्छररोधी क्रीम का उपयोग करें। घर के दरवाजे और खिड़कियों पर जाली लगवाएं। घर व घर के आस-पास कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें।
गर्भावस्था में डेंगू के लक्षण
यदि सात दिनों तक 100.4 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक बुखार हो और साथ में सिर में दर्द, जोड़ों में दर्द, शरीर पर चकत्ते, रक्तस्राव, उल्टी, आँखों के पीछे दर्द, जी मिचलाना मांसपेशियों में दर्द और योनी से रक्तस्राव जैसे कोई लक्षण दिखाई दें तो शीघ्र चिकित्सक से संपर्क करें। जाँच करने में देरी न करें।
क्यों होता है डेंगू?
डेंगू एडीज मच्छर के कारण होता है। डेंगू का मच्छर साफ और एक चम्मच पानी में भी पनप सकता है। इसलिए बर्ड बाथ, खाली एवं टूटे टायर, बर्तनों, गमले की प्लेटों, फ्रिज की ट्रे में पानी इकट्ठा न होने दें। ट्रे का पानी नियमित रूप से बदलते रहें।
डेंगू होने पर रखें ऐसे ख्याल
सबसे पहले तो डरें नहीं और न ही किसी भी तरह का घरेलू उपचार करें। किसी भी तरह का तनाव न लें। निर्जलीकरण से बचने के लिए अधिक से अधिक पानी पीयें, तरल आहार जैसे नारियल पानी, सूप, फलों के रस का सेवन करें। संतुलित और पौष्टिक भोजन करें। आराम करें, डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन करें और प्लेटलेट्स पर नजर रखें।बाहर के खाने से दूरी बनायें।