उत्तर प्रदेश में 11,595 नए टीबी रोगियों की पहचान हुयी है। यह रोगी राष्ट्रीय क्षय (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत प्रदेश में नौ से 20 सितम्बर तक चले सक्रिय टीबी रोगी खोजी (एसीएफ) अभियान के दौरान चिन्हित किए गए। इनमे से 11,571 टीबी मरीजों का पंजीकरण करते हुए इलाज शुरू कर दिया गया है।
स्क्रीनिंग में टीबी के संभावित लक्षण वाले 4.50 लाख लोग मिले
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि एसीएफ के दौरान प्रदेश की 20 फीसद आबादी के घर-घर जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने टीबी के संभावित लक्षण वाले लोगों की स्क्रीनिंग की। इसमें से टीबी के संभावित लक्षण वाले 4.50 लाख लोग मिले। इसमें से 4.38 लाख लोगों में टीबी की पुष्टि के लिए बलगम की जांच और एक्सरे करवाया गया और 11,595 लोगों में टीबी की पुष्टि हुयी। जिनमें 5381, पल्मोनरी और 6314 एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी से ग्रसित हैं। इनमें से 11,571 टीबी मरीजों की डायबिटीज, एचआईवी और दवाओं के प्रति संवेदनशीलता की जांच करते हुए उनका विवरण निक्षय पोर्टल पर चढ़ाया गया और उनका इलाज शुरू कर दिया गया।
सर्वाधिक 1104 टीबी मरीज कुशीनगर में मिले
प्रदेश में एसीएफ के तहत सर्वाधिक 1104 टीबी मरीज कुशीनगर में मिले हैं। इसके आलावा गोरखपुर में 414, एटा में 379, लखनऊ में 345, मेरठ में 303, महाराजगंज में 272, गोंडा में 271, प्रयागराज में 262 और शाहजहांपुर में 225 टीबी मरीज मिले हैं। यह अभियान ग्रामीण सहित शहरी क्षेत्रों जैसे अनाथालयों, खादानों, स्टोन क्रशर, साप्ताहिक बाजारों, मदरसा, वृद्धाश्रम, सब्जी मंडियों, करागार, मदरसा और मलिन बस्तियों में चलाया गया था।
टीबी के लक्षण जाने
दो हफ्ते से ज्यादा खांसी और बुखार आना,
बलगम में खून आना,
भूख न लगना,
वजन का लगातार कम होना,
रात में पसीना आना,
गले में गाँठ होना,
महिलाओं में बाँझपन की समस्या।