Lucknow: BBAU में दो दिवसीय अवध फ़िल्म फेस्टिवल का समापन, लेखक अनंत विजय बोले- ‘फिल्म निर्माता के लिए यह बड़ी चुनौती’!

फेस्टिवल में तीन श्रेणियों प्रोफेशनल, कैम्पस, जस्ट पास आउट कैम्पस में 54 फिल्मों को चयन प्रतियोगिता के लिए किया गया

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Indinewsline, Lucknow:
एक फ़िल्म निर्माण में निर्माता द्वारा विचारों को दृश्य के रूप में प्रस्तुत करना आसान नहीं बल्कि एक बड़ी चुनौती है। वहीं आज के डिजिटल युग कम समय में कहानी कहने का प्रचलन चला है। यह बातें लेखक एवं पत्रकार अनंत विजय ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (BBAU) में आयोजित अवध फ़िल्म फेस्टिवल के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए कही।

इस दो दिवसीय फेस्टिवल का रविवार को समापन हो गया। फेस्टिवल में तीन श्रेणियों प्रोफेशनल, कैम्पस, जस्ट पास आउट कैम्पस में 54 फिल्मों को चयन प्रतियोगिता के लिए किया गया था।

फ़िल्म इंडस्ट्री में उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण रोल


कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि MLC पवन चौहान ने कहा कि भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री में उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण रोल है क्योंकि अधिकतर कहानियां उत्तर प्रदेश या उत्तर भारत से जुड़ी हैं। इसके संदर्भ में उन्होंने कहा कि फ़िल्म शोले की कहानी उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद से जुड़ी हुई है। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रधर्म प्रकाशन के लेखक व निदेशक मनोजकांत ने फ़िल्म निर्माण में कहानियों के महत्व और कहानी चुनाव के बारे में अपने विचार साझा किए।

BBAU में ओपन एयर थियेटर को विकसित करने का प्रस्ताव
BBAU के कुलपति प्रोफेसर N.M.P. वर्मा संस्थान में ओपन एयर थियेटर को विकसित करने का प्रस्ताव रखा। इसकी जिम्मेदारी जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष को सौंपी। साथ ही उन्होंने कहा कि नोएडा फ़िल्म सिटी और ज़ेवर एयरपोर्ट के संचालन से लखनऊ में फ़िल्म निर्माताओं के लिए बेहतर अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि जन संचार पत्रकारिता विभाग ने इस विषय की शुरुआत कर बी ए फ़िल्म थिएटर और मीडिया स्टडीज का कोर्स शुरू किया।

फिल्म निर्माण और कला के क्षेत्र में उम्र मात्र एक नंबर
मास्टर क्लास में फ़िल्म विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित डॉ. अनिल रस्तोगी और रमा अरुण त्रिवेदी ने निर्माताओं को फ़िल्म निर्माण के गुण बतायें, इस दौरान बॉलीवुड फ़िल्म कलाकार डॉ. अनिल रस्तोगी ने कहा कि फिल्म निर्माण और कला के क्षेत्र में उम्र मात्र एक नंबर है। आज मेरी उम्र 81 वर्ष से अधिक है लेकिन मैं लगातार अपना अच्छा किरदार निभाने की कोशिश करता हूँ। डॉ. अनिल रस्तोगी से बात करते हुए रमा अरुण त्रिवेदी ने अपने बीते हुए लम्हों को याद किया।

कार्यक्रम के दौरान ये रहें मौजूद
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से काशी विद्यापीठ के महामना मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह, RSS के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के प्रचार प्रमुख सुभाष, अवध प्रांत के प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे, BBAU जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के डॉ. महेंद्र कुमार पाढ़ी, डॉ. अनिल कुमार यादव, डॉ. कुंवर सुरेंद्र बहादुर, डॉ. लोकनाथ, डॉ. राजश्री, डॉ. अरविंद कुमार सिंह सहित लखनऊ में सभी पत्रकारिता संस्थान के शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।

अवध फिल्म फेस्टिवल में रोशनी, त्वमेव सर्वम, ए लवली रिज्यूमे को श्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड


अवध फिल्म फेस्टिवल में तीन श्रेणियों प्रोफेशनल, कैम्पस, जस्ट पास आउट कैम्पस में 54 फिल्मों को चयन प्रतियोगिता के लिए किया गया था। फेस्टिवल की कैम्पस श्रेणी में श्रेष्ठ निर्देशन के लिए ‘द डिलेवरी निर्देशित अर्पित गुप्ता को, श्रेष्ठ छायांकन के लिए दाग निर्देशित पलक कुमारी को अवार्ड मिला।

वहीं श्रेष्ठ फिल्म के लिए रोशनी निर्देशित अनिमेष नमन को और श्रेष्ठ डाक्यूमेंट्री के लिए संयुक्त फिल्म बिजली महादेव मंदिर निर्देशित धीरेंद्र सिंह और दिलकुशा निर्देशित प्रगति पांडेय को तथा श्रेष्ठ समीक्षा के लिए संयुक्त फिल्म गोमती सवाल अस्तित्व का निर्देशित आशीर्वाद दीक्षित और जल्दी जाना है क्या के नीतीश कुमार फिल्म को मिला।

प्रोफेशनल श्रेणी में श्रेष्ठ निर्देशन के लिए मटर पनीर निर्देशित चंदन मल्लाह को, श्रेष्ठ छायांकन के लिए ट्रम्पेट निर्देशित आशीष भथरी को, श्रेष्ठ फिल्म के लिए त्वमेव सर्वम निर्देशित मनोज तिवारी को, श्रेष्ठ डॉक्यूमेंटरी के लिए गल देव एक अनोखी मान्यता निर्देशित तनिष्क भूरिया और श्रेष्ठ समीक्षा के लिए संयुक्त फिल्में अक्षरा निर्देशित शिवम भास्वर और फिल्म ज़ुबान निर्देशित प्रफुल्ल पांडेय को मिला। जबकि कैंपस जस्ट पास आउट श्रेणी में श्रेष्ठ फिल्म के लिए ए लवली रिज्यूमे निर्देशित पौरुषे को मिला।

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