विश्व हिंदू परिषद ने फिर उठाया AMU व जामिया यूनिवर्सिटी में SC/ST के आरक्षण को लागू करने का मुद्दा, तीन सवालों पर दिल्ली के सभी सांसदों से मांगे सुझाव तो मिला यह जवाब?
गुरुद्वारे और मस्जिदें सरकार के अधीन नहीं हैं, तो मंदिर क्यों? मंदिरों को हिंदू समाज को वापस सौंपा जाना चाहिए।
Indinewsline, Delhi:
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने AMU और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में एक बार फिर से अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण लागू करने का मुद्दा उठाया है। इसके अलावा मांग की है कि भारत में मंदिरों का प्रबंधन सरकार के अधीन नहीं होना चाहिए। साथ ही कहा है कि गुरुद्वारे और मस्जिदें सरकार के अधीन नहीं हैं, तो मंदिर क्यों? मंदिरों को हिंदू समाज को वापस सौंपा जाना चाहिए। वहीं पूछाा है कि वक्फ कानून में मुस्लिम समुदाय को विशेषाधिकार प्राप्त है। अन्य धर्मों के लिए ऐसा विशेषाधिकार क्यों नहीं है? सभी धर्मों के लिए समान कानून लागू कराने की मांग उठाई है।
दिल्ली के सभी सांसदों से संवाद एवं मुलाकात के दौरान इंद्रप्रस्थ प्रांत ने यह सभी तीनों मुद्दों को उठाते हुए मांगा सुझाव
सांसद संपर्क अभियान के तहत इस वर्ष दिल्ली के सभी सांसदों से संवाद एवं मुलाकात के दौरान इंद्रप्रस्थ प्रांत ने यह सभी तीनों मुद्दों को उठाते हुए उनसे सुझाव लिए। सांसद प्रवीण खंडेलवाल के कार्यालय में (VHP) के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, संपर्क प्रमुख अम्बरीश, उत्तरी क्षेत्र संगठन मंत्री मुकेश विनायक खांडेकर, दिल्ली प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना, प्रांत संगठन मंत्री सुबोध, प्रांत मंत्री सुरेंद्र गुप्ता मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम में दिल्ली के सभी सांसदों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त VHP दिल्ली प्रांत विशेष संपर्क प्रमुख प्रवीण गुलाटी एवं विशेष संपर्क प्रांत के चिन्हित टोली सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आलोक कुमार ने इस दौरान ये तीन प्रमुख विषय प्रस्तुत किए:
1. शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता:
भारत के सभी शैक्षणिक संस्थानों को स्वायत्त होना चाहिए। यह स्वायत्तता किसी भी धर्म, भाषा या पंथ के आधार पर भेदभाव के बिना होनी चाहिए। प्रत्येक धर्म और समुदाय को यह अधिकार मिलना चाहिए कि वे अपने अनुसार संस्थान प्रबंधन, नियुक्ति प्रक्रिया और अन्य निर्णय लेने में सक्षम हों।
जैसे AMU और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय सेंट्रल यूनिवर्सिटी होते हुए भी अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण लागू नहीं करते। संविधान में संशोधन कर सभी शैक्षणिक संस्थानों को समान अधिकार प्रदान किए जाने चाहिए।
2. मंदिरों की स्वायत्तता:
भारत में मंदिरों का प्रबंधन सरकार के अधीन नहीं होना चाहिए। गुरुद्वारे और मस्जिदें सरकार के अधीन नहीं हैं, तो मंदिर क्यों? मंदिरों को हिंदू समाज को वापस सौंपा जाना चाहिए।
मंदिर प्रबंधन के लिए भक्तों की कमेटी बनाई जाए जिसमें महिलाओं, अनुसूचित समाज और जनजातीय समाज के प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से शामिल हों। मंदिरों की स्वायत्तता सुनिश्चित की जाए।
इस विषय पर विश्व हिंदू परिषद 5 जनवरी 2025 से आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से एक देशव्यापी आंदोलन शुरू कर रही है।
3. वक्फ कानून में सुधार:
वर्तमान वक्फ कानून में मुस्लिम समुदाय को विशेषाधिकार प्राप्त है। किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित कर गजट में प्रकाशित कर दिया जाता है, और फिर एक साल बाद वह संपत्ति वक्फ की मानी जाती है।
अन्य धर्मों के लिए ऐसा विशेषाधिकार क्यों नहीं है? सभी धर्मों के लिए समान कानून लागू होना चाहिए। विशेष रूप से अनुसूचित क्षेत्रों में वक्फ कानून लागू नहीं होना चाहिए। अनुसूचित जनजाति की भूमि की सुरक्षा संविधान द्वारा की जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए वक्फ कानून में संशोधन की आवश्यकता है।