लखनऊ के लोहिया संस्थान ने संविदाकर्मियों का वेतन रोका, बिना बताए कर दी कार्रवाई, वजह भी नहीं बताई!

लोहिया संस्थान प्रशासन की चुप्पी पर कर्मचारियों में बढ़ा आक्रोश

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Indinewsline, Lucknow:
गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में संविदा कर्मचारियों का उत्पीड़न थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां फॉर्मेसी विभाग में तैनात करीब 50 संविदा कर्मचारियों का बिना कारण बताए वेतन रोक दिया गया। इससे आक्रोशित कर्मचारी कार्यदायी संस्था के कार्यालय से वेतन रोके जाने के बारे में पूछताछ शुरू कर दी। कर्मचारियों को आक्रोशित होता देख संस्था के अफसर व कर्मचारियों के होश उड़ गए।

लोहिया संस्थान प्रशासन की चुप्पी पर भी कर्मचारियों में आक्रोश
आनन-फानन में संविदा कमियों को बताया गया कि विभाग में HRF की चैयरमेन ने चेक पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस वजह से वेतन रोका गया है। वहीं लोहिया संस्थान प्रशासन की चुप्पी पर भी कर्मचारियों में आक्रोश है।

श्रम कानूनों को नहीं मानते लोहिया के अफसर और कार्यदायी संस्था
लोहिया संस्थान में जहां एक तरफ तरह-तरह के नियम बनाए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर अधिकारियों एवं सेवा प्रदाता फर्म द्वारा श्रम कानून का उल्लंघन भी किया जा रहा है। शासन की ओर से हर माह की सात तारीख तक आउटसोर्स कर्मचारी को वेतन दिए जाने का प्रावधान है। समय से वेतन भुगतान न होने पर 18 फीसद ब्याज सहित वेतन दिया जाता है। इसके बावजूद अधिकारी इसकी अनदेखी कर रहे हैं।

तरह- तरह से उत्पीड़न की लगातार आ रही शिकायतें, नहीं हो रही कार्रवाई
दूसरी ओर संस्थान के फार्मेसी विभाग में अधिक संख्या में कर्मचारियों की तैनाती पर उनकी सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। साथ ही तरह- तरह से उत्पीड़न की लगातार शिकायतें आ रही थीं। वहीं अब HRF की चेयरमैन द्वारा करीब 50 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है।

कर्मचारियों ने जब सुदर्शन संस्था के दफ्तर से संपर्क किया तो कोई स्पष्ट कारण बताया नहीं गया। बताया गया कि अध्यक्ष ने आप लोगों के वेतन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। कर्मचारी फार्मेसी के उच्च अधिकारियों की लगातार शिकायतें कर रहे हैं बावजूद लोहिया संस्थान प्रशासन पूरी तरह से मौन है।

बेहद कम वेतन पर नौकरी करते हैं संविदाकर्मी
कर्मचारी बेहद कम वेतन पर कार्य करते हैंं। हर महीने पांच तारीख के बाद वेतन आने की आस लगाए रहते हैं। ऐसे में उनका वेतन रोका जाना या वेतन भुगतान न होने पर संबंधित फार्म के ऊपर कारवाई ना करना एक बेहद गंभीर विषय है। फार्मेसी के विभिन्न काउंटरों पर तैनात करीब 50 आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन का भुगतान एचआरएफ के पैसे से किया जाता है। जिस पर चेयरमैन का हस्ताक्षर जरुरी होता है। अन्य कर्मचारी का वेतन आ चुका है। जिससे फॉर्मेसी के कर्मचारियों में काफी आक्रोश है।

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