व्यापारियों के मुद्दों को भी चुनावी घोषणापत्र में शामिल करें राजनैतिक दल
सीटीआई ने 11 प्रमुख मांगों का मांगपत्र तीनों पार्टियों को भेजा
नई दिल्ली
दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले व्यापारियों ने सभी राजनीतिक दल से अपनी मांग रखी है। व्यापारियों का कहना है कि चुनावी घोषणापत्र में व्यापारियों के मुद्दों को शामिल करें। 200 व्यापारी संगठनों, इंडस्ट्री एसोसिएशन्स, होटल रेस्टोरेंट बैंक्वेट व्यापारियों से सलाह करके यह मांग पत्र बनाया गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में 20 लाख व्यापारियों की अहम भूमिका है।
सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि पिछले एक महीने से दिल्ली के अलग अलग बाजारों के व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों से सलाह मशविरा करके 11 प्रमुख मांगों का एक मांग पत्र तैयार किया गया है। इसे तीनों राजनैतिक दलों को भेजा जाएगा और उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वो इन 11 प्रमुख मांगों को अपने अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करें।
सीटीआई महासचिव गुरमीत अरोड़ा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग ने बताया कि जो पार्टी व्यापारियों के हितों की रक्षा करेगी , उसको ही दिल्ली के व्यापारी अपना सहयोग और समर्थन देंगे,
सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और कोषाध्यक्ष सुधीर जैन ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में व्यापारी वर्ग भी महत्वपूर्ण है। दिल्ली में कई विधानसभा क्षेत्रों में व्यापारी, दुकानदार, फैक्ट्री मालिक और मंडी कारोबारी रहते हैं। कारोबारियों के अपने विषय, मुद्दे, शिकायत, सुझाव और मांगें होती हैं। चुनाव से पहले राजनीतिक दल व्यापारी वर्ग को आकर्षित करने के लिए लोकलुभावन वादे तक करते हैं। बृजेश गोयल ने बताया कि राजनीतिक दलों के लिए व्यापारी वर्ग अछूता नहीं है। दिल्ली में कई सीटों पर ट्रेडर्स कम्युनिटी का असर है। ट्रेडर्स की नजर सभी दलों के वादों पर है। चांदनी चौक, सदर बाजार, करोल बाग, मॉडल टाउन, वजीरपुर, शालीमार बाग, रोहिणी, त्रिनगर, आदर्श नगर, शकूरबस्ती, गांधी नगर, कृष्णा नगर, लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर, शाहदरा, मालवीय नगर, ग्रेटर कैलाश, कस्तूरबा नगर, आरके पुरम, मोती नगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, जनकपुरी, राजेंद्र नगर और रिठाला जैसी 25 सीटों पर व्यापारी, उद्यमी, डीलर्स अच्छी संख्या में रहते हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों में 40 से 50 प्रतिशत वोटों में कारोबारियों का प्रभाव रहता है।
सीटीआई उपाध्यक्ष राहुल अदलखा और राजेश खन्ना ने बताया कि दिल्लीभर के बाजारों में करीब 9 लाख दुकानें और करीब 2 लाख फैक्ट्रियां हैं। कपड़े, कैमिकल, किराना, मोटर स्पेयर पार्ट्स, बिजली, बर्तन, कॉस्मेटिक, हार्डवेयर एंड टूल्स के होलसेल बाजार हैं। होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, ब्यूटी पार्लर, सैलून, बुटीक, कोचिंग सेंटर्स जैसे संस्थान खूब चलते हैं।
व्यापारियों की 11 प्रमुख मांगें
1 . दिल्ली में जीएसटी ( SGST ) से PMLA कानून को बाहर करना, और जीएसटी
का सरलीकरण करना
2 व्यापारियों को सभी तरह की रेड राज और इंस्पेक्टर राज से मुक्ति
3.नये उद्योग और व्यापार शुरू करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू
4.सभी प्रमुख बाजारों का रिडेवलपमेंट और सौंदर्यीकरण किया जाए और एनक्रोचमेंट से दुकानदारों को राहत मिले
5 . बिल बनाओ – ईनाम पाओ योजना के अंतर्गत ज्यादा टैक्सपेयर्स को हर महीने सम्मानित किया जाए
6.दिल्ली के दुकानदारों और व्यापारियों का माल देश- विदेश तक पहुंचे – इसके लिए ऑनलाइन दिल्ली बाजार बिजनेस पोर्टल बनाया जाए
7.सर्कल रेट की विसंगतियों को दूर किया जाए
8 . जिन प्रमुख 10 बाजारों से ज्यादा टैक्स ( जीएसटी) आएगा, उसका 10% उसी बाजार के विकास पर खर्च किया जाए
9 दिल्ली के व्यापारियों को सरकार के साथ भागीदार बनाने के लिए ट्रेड एंड इंडस्ट्री डेवलपमेंट बोर्ड का गठन
10 . व्यापार और उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए दुबई की तर्ज पर बिजनेस सेमिनार और शाॅपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाएं
11. MCD फैक्ट्री लाइसेंस से फैक्ट्री मालिकों को राहत मिले