दो सप्ताह से ज्यादा खांसी को न करें नजरअंदाज, हो सकती है टीबी: डॉ. ए.के. सिंघल
केंद्र सरकार के कार्यालयों में चल रहा 100 दिवसीय टीबी अभियान
Indinewsline, Lucknow:
यदि दो सप्ताह से ज्यादा खांसी हो, शाम के समय बुखार आये, लगातार वजन में कमी हो, रात में पसीना आये और शरीर के किसी भी अंग में दर्द हो, बलगम में खून आये तो यह टीबी हो सकती है। इसे नजरंदाज न करें और शीघ्र ही निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीबी की जांच और इलाज निशुल्क है।
सात दिसम्बर से 100 दिवसीय टीबी अभियान की है शुरूआत
यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ए.के. सिंघल ने दी है। वह बुधवार को हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) परिसर स्थित विद्यालय में टीबी जागरूकता संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। विद्यार्थियों एवं एनसीसी कैडेट्स ने जागरूकता रैली भी निकाली। परिसर में सात दिसम्बर से 100 दिवसीय टीबी अभियान शुरू हुआ। इसी क्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एन.बी.सिंह के निर्देशन में इसका आयोजन किया गया था।
नियमित दवा से ठीक हो जाती है टीबी
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ए.के.सिंघल ने विद्यार्थियों को टीबी के लक्षणों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टीबी को लेकर भ्रान्ति है कि यह लाइलाज है जबकि नियमित दवा और पौष्टिक व प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करने से यह बीमारी ठीक हो जाती है। इसी उद्देश्य के साथ निक्षय मित्र योजना शुरू की गयी है जिसके तहत व्यक्तिगत तौर से या कोई भी संस्थान टीबी मरीज को गोद लेकर इलाज के दौरान उन्हें पोषण सामग्री उपलब्ध करा सकता है।
यहां की बातें परिवार के सदस्यों, दोस्तों, रिश्तेदारों से साझा करें
साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीज को इलाज के दौरान एक हजार रूपये की धनराशी खाते में भेजी जाती है। डॉ. सिंघल ने कहा कि जो भी बातें बतायी जा रही हैं उन्हें परिवार के सदस्यों, दोस्तों, रिश्तेदारों से साझा करें। यदि घर में या आस –पास किसी में उपरोक्त लक्षण दिखाई दें तो उन्हें स्वास्थ्य केंद्र पर भेजें।
यह बैक्टीरिया जनित बीमारी है टीबी
पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक रामजी वर्मा ने बताया कि टीबी छुआछूत की बीमारी नहीं है। यह साथ खाने, तौलिया या बर्तन साझा करने से नहीं फैलती है। यह बैक्टीरिया जनित बीमारी है। यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने से फैलती है। विद्यार्थियों ने टीबी से सम्बन्धित सवाल पूछे और आशंकाओं का समाधान किया।
यह लोग रहे मौजूद
इस मौके पर सौमित्र मिश्रा, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल स्थित टीबी यूनिट के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर अरुण कुमार, टीबीएचवी सुधीर कुमार, शिक्षक, कर्मचारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।
क्या है 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री के साल 2025 तक क्षय मुक्त देश के क्रम में कुछ ही दिन रह गए हैं। इसी को लेकर एचएएल सहित केंद्रीय कार्यालयों में यह 100 दिवसीय अभियान सात दिसम्बर से शुरू किया गया है। जिसके तहत परिसर में सभी को टीबी रोग के लक्षण, बचाव और उपचार की जानकारी दी जाएगी। शिविर लगाकर टीबी के संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और टीबी की पुष्टि होने पर उनका इलाज शुरू किया जायेगा।