Indinewsline, Lucknow:
उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में फार्मासिस्टों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया। साथ ही CMO के माध्यम से मुख्यमंत्री को 24 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भेजा गया। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के आह्वान पर शुक्रवार को इसका आयोजन हुआ था।
प्रत्येक जनपद में सांसद और विधायकों को भी ज्ञापन देने की तैयारी
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला व महामंत्री राजेंद्र कुमार सिंह पटेल ने सभी 75 जनपदों में हुए धरने को सफल होने का भी दावा किया है। कहा कि, 22 से 25 दिसंबर तक प्रत्येक जनपद में सांसद और विधायकों को मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगले साल तीन जनवरी 2025 को प्रदेश के प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया जाएगा।
अगले साल जनवरी से आन्दोलन का होगा ऐलान
साथ ही 31 जनवरी को प्रदेश भर के फार्मेसी संवर्ग के अधिकारी व कर्मचारी धरना देकर लखनऊ स्थित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय पर धरना देकर घेराव करेंगे। उसी दौरान अगले आंदोलन की घोषणा भी की जाएगी।
अनुरोध के बावजूद अफसर हमारी मांगों पर नहीं कर रहे सुनवाई
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला व महामंत्री राजेंद्र कुमार सिंह पटेल ने बताया कि लंबे समय से संगठन फार्मेसी संवर्ग की वेतन विसंगति, पदनाम परिवर्तन, पदों के मानकों में संशोधन, नुस्खा लिखने का अधिकार दिए जाने सहित अन्य मांगों के निराकरण करने के लिए मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं शासन तथा महानिदेशालय के अधिकारियों से अनुरोध कर रहा है। लेकिन समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है।
शासन व महानिदेशालय में बैठे अधिकारी नहीं करते वार्ता, लंबे समय से नहीं हुई सुनवाई
उन्होंने कहा कि शासन व महानिदेशालय में बैठे अधिकारी पिछले लंबे समय से मान्यता प्राप्त संगठन से वार्ता नहीं कर रहे हैं। जिस कारण समस्याओं के अंबार लग गए हैं।
रात- दिन मेहनत कर जनता की सेवा करने के बाद भी जनहित से जुड़ी मांगों की पूर्ति सुनिश्चित नहीं हो पा रही है।
अफसर सरकार के निर्देशों के बाद भी मांगों के निराकरण के लिए वार्ता नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों की उदासीनता के चलते कर्मचारियों में रोष बढ़ता ही रहा है। मजबूरन फार्मासिस्टों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है।
फार्मेसिस्ट समाज आंदोलन कर जनता को असुविधा नहीं पहुंचाना चाहता
संदीप बडोला ने इस मौके पर मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से अपील करते हुए कहा कि फार्मेसिस्ट समाज आंदोलन कर जनता को असुविधा नहीं पहुंचाना चाहता है। पर, अधिकारियों की उदासीनता के चलते संवर्ग की जायज मांगों का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
मांगों पर संज्ञान लेने का अनुरोध
उन्होंने मांगों पर संज्ञान लेकर शासन व महानिदेशालय के अधिकारियों को उनके निराकरण करने के लिए निर्देशित करने की भी मांग उठाई।
साथ ही कहा कि मांगों की पूर्ति न होने की दशा में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन को भविष्य में कठोर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।