IPSEF का पुरानी पेंशन को लेकर दिल्ली में 30 को धरना,फार्मेसिस्ट भी होंगे शामिल,फार्मेसिस्ट संघों से भागीदारी की अपील

राष्ट्रीय वेतन आयोग, ठेकेदारी प्रथा को बंद करने की मांग

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लखनऊ। IPSEF के धरने में सभी विधाओं और अलग-अलग संस्थानों के फार्मेसिस्ट भी बड़ी संख्या में शामिल होंगे। पुरानी पेंशन बहाली, राष्ट्रीय वेतन आयोग, ठेकेदारी प्रथा को बंद करने की मांग को लेकर 30 जुलाई को दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर धरना देंगे। सभी विधाओं के फार्मेसिस्ट संघों से इसमें भागीदारी करने के लिए अपील की गई है।
फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में 6000 से अधिक फार्मेसिस्टों को पुरानी पेंशन योजना नहीं मिल पाई है, जबकि इनकी नियुक्ति समय से हुई होती तो यह 2005 के पूर्व ही सेवा में होते।
बैच वाइज नियुक्ति के अनुसार अभी तक केवल 2002 तक के फार्मेसिस्टो की नियुक्ति हुई है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी अपने आदेश में कहा गया है कि नवनियुक्त फार्मेसिस्टो को पूर्व की भांति सभी लाभ दिए जाएं, इसलिए पुरानी पेंशन की मांग को लेकर फार्मेसिस्ट एकजुट हैं।


वहीं प्रदेश में कई हजार फार्मेसिस्ट राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं अन्य योजनाओं में संविदा पर कार्य कर रहे हैं, जिन्हें उचित वेतन नहीं मिल रहा है। उनके स्थाईकरण की कोई योजना नहीं है और ना ही उन्हें नौकरियों में कोई अतिरिक्त लाभ दिया जा रहा है। फार्मासिस्ट बहुत परेशान हैं। अनेक विभागों में पद खाली हैं। श्रम एवं समाज कल्याण विभाग, कारागार, ई यस आई बैटनरी, होम्योपैथ, आयुर्वेद में कई हजार पद रिक्त हैं।
उपाध्यक्ष राजेश सिंह ने बताया कि सभी जनपदों के पदाधिकारियों से फोन पर समीक्षा भी की गई। पदाधिकारियों ने बताया कि 30 के धरने को पूर्णरूपेण सफल बनाया जाएगा। पुरानी पेंशन बहाली वर्तमान समय में कर्मचारियों की सबसे प्रमुख मांग है, वही निजीकरण, संविदा और ठेकेदारी प्रथा कर्मचारियों के भविष्य के लिए अत्यंत घातक है। युवाओं को ठेकेदारी प्रथा मे ढ़केला जा रहा है जिससे देश का युवा वर्ग अत्यंत निराश है।
फेडरेशन ने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन कर पूरे देश के कर्मचारियों को समान पद और समान वेतन देने की मांग की है। तत्काल तीनों मुद्दों पर निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है।

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