#WorldHepatitisDay2023:हेपेटाइटिस के 45 लाख मौतों को रोक सकता है टीकाकरण-डॉ. सुजाता देव

28 जुलाई 'विश्व हेपेटाइटिस दिवस' पर विशेष

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लखनऊ। हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण लिवर में सूजन आती है और उसे नुकसान पहुंचता है। यह अनुवांशिक कारणों, वायरस, ऑटो इम्यून या विषैले तत्वों के कारण होता है। हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस लोगों को इस बीमारी से बचाव के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस साल इस दिवस की थीम है –एक जीवन-एक लिवर (वन लाइफ-वन लिवर)।

लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता देव बताती हैं कि हेपेटाइटिस A,B,C,D और E प्रकार का होता है। यह बीमारी दूषित पानी, शराब और दवाओं के लंबे समय तक सेवन से, विषैले पदार्थों और अनुवांशिक रोग कारक जैसे विल्सन रोग आदि के द्वारा होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कुछ प्रकार के हेपेटाइटिस संक्रमण का टीकाकरण के द्वारा बचाव संभव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक स्टडी के अनुसार निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में समय से पहले होने वाली 45 लाख मौतों को टीकाकरण, सही समय पर जांचे व दवाएं लेने से और जागरूकता अभियान के माध्यम से रोका जा सकता है।
असुरक्षित यौन संबंध,संक्रमित सुई के उपयोग से भी फैलता है हेपेटाइटिस

हेपेटाइटिस A और E दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलता है जबकि हेपेटाइटिस B और C शरीर के संक्रमित द्रव्य जैसे संक्रमित खून, सीमन, योनि के स्राव और लार से फैलता है। इसके साथ ही असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई के उपयोग से फैलता है।
हेपेटाइटिस A और E के संक्रमण को व्यापक साफ-सफाई रखकर कर रोका जा सकता है | इसके साथ ही हिपेटाईटिस A का टीका भी उपलब्ध है। वहीं हेपेटाइटिस B और C के संक्रमण को सुरक्षित यौन संबंध, एक व्यक्ति के साथ ही शारीरिक संबंध बनाना, उचित बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण, पहले से उपयोग की गई सुइयों के प्रयोग से बचाव कर हम रोक सकते हैं।
हेपेटाइटिस से ग्रसित गर्भवती के बच्चेदानी की फट सकती है झिल्ली

हेपेटाइटिस B का टीका उच्च जोखिम वाले समूह जैसे डाय बिटिक, लेस्बियन, असुरक्षित यौन संबंध बनाने वालों, सेक्स वर्कर को दिया जा सकता है। हेपेटाइटिस B से संक्रमित होने के बाद उससे बचाव के लिए हेपेटाइटिस B के साथ हेपेटाइटिस C इम्यूनोग्लोबिन के रूप में दिया जाता है।
नवजात में इसके संक्रमण को रोकने के लिए जन्म के 12 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस B का टीका लगाया जाता है।
गर्भवती यदि हेपेटाइटिस से ग्रसित है तो बच्चेदानी की झिल्ली फट सकती है, जन्म से पहले बच्चे का जन्म हो सकता है। इसके अलावा प्रसव के बाद रक्तस्राव, लिवर संबंधी दीर्घकालिक बीमारी, आँवल का अलग होना, भ्रूण की वृद्धि में रुकावट आ सकती है।हेपेटाइटिस B की स्थिति में मां से बच्चे में प्लेसेंटा के माध्यम से संक्रमण हो सकता है।
रूढ़िवादी इलाज से भी बचना जरूरी
हेपेटाइटिस A के संक्रमण से बचाव के लिए पानी का प्रचुर मात्रा और सही खान-पान के सेवन और लिवर संबंधी दवाओं का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा रूढ़िवादी इलाज से बचना चाहिए।
माताओं के शिशुओं को हेपेटाइटिस B सतह एंटीजन के लिए प्रतिक्रियाशील सीरम परीक्षण करना चाहिए। बच्चों को जन्म के 12 घंटे के भीतर एचबीआईजी और हिप-बी वैक्सीन की पहली खुराक और उसके बाद पहले और छह महीने पर देनी चाहिए। हेपेटाइटिस B के रोगियों के लिए डीएनए लोड की निगरानी की जाती है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स और अमेरिकन कॉलेज ऑफ प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ (2018) के अनुसार हेपेटाइटिस B से संक्रमित महिला बच्चे को स्तनपान करा सकती है। संक्रमित महिला को बच्चे को छह माह तक केवल स्तनपान कराना चाहिए।
गर्भवती को इस बीमारी से बचाव के लिए गर्भवावस्था के समय जांच जरूर करानी चाहिये जिससे कि समय से इलाज हो सके। हेपेटाइटिस ग्रसित महिला को गर्भधारण से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए और गर्भावस्था के दौरान चिकित्सक की सलाह को अपनाना चाहिए।

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