दिल्ली में होने वाली आपराधिक घटनाओं को रोकने में केंद्र-LG फेल

आप की मांग, एलजी और गृहमंत्री दिल्ली पुलिस को करें एक्टिव, दिल्ली की बेटियां, लोग होंगे सुरक्षित

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नई दिल्ली

मालवीय में दिन-दहाड़े 23 साल की युवती की हत्या मामले में आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर हमला बोला है। आप का कहना है कि दिल्लीवालों को सुरक्षा देने में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल वीके सक्सेना फेल साबित हुए हैं।

मालवीय नगर की घटना पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में एक और बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी गई, ये बेहद दुखद है। दिल्ली में कानून व्यवस्था एक गंभीर मुद्दा बन गया है। एलजी साहब और गृहमंत्री जी से गुज़ारिश है कि पुलिस को थोड़ा एक्टिव कीजिए। दिल्ली की बेटियों और दिल्ली के लोगों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।

विधायक सोमनाथ भारती ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि मेरे मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में डीडीए के विजय मंडल पार्क में दोपहर करीब 11ः45 दिनदहाड़े एक लड़के ने लोहे के रॉड से मारकर एक 23 साल की लड़की नरगिस की हत्या कर दी। इस वारदात ने पूरी दिल्ली को दहला कर रख दिया। दुखद बात यह है कि यह वारदात मालवीय नगर थाने से मात्र 100-150 मीटर की दूरी पर हुई। विजय मंडल पार्क में सुबह 10ः00 बजे भी 500-600 लोग टहलते मिलते हैं। घटना स्थल से करीब 10 मीटर की दूरी पर डीडीए के पार्क में तैनात सुरक्षा गार्ड भी मौजूद थे। ऐसी जगह पर दिनदहाड़े हत्या की घटना होना ये दर्शाता है कि अपराधियों की मनोबल सातवें आसमान पर है।
एक दिन पहले ही डाबरी में महिला को गोली मार दी थी। अपराधियों को लगता है कि कुछ भी कर लो, कोई पूछने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से दिल्ली की महिलाएं और बेटियां पूछना चाहती हैं कि भाजपा को हमने 7 सांसद इसलिए नहीं दिए थे कि महिलाओं के साथ बर्बरता पूर्ण घटना होगी। संवैधानिक रूप से दिल्ली में लॉ एंड आर्डर, पुलिस और लैंड केंद्र सरकार के पास है। सुरक्षा के लिए एलजी वीके सक्सेना की जिम्मेदारी बनती है कि वे दिल्ली को अपराध मुक्त बनाकर महिलाओं को सुरक्षित करें। लेकिन एलजी साहब की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि देश भर में महिलाओं के ऊपर बार-बार हमला हो रहा है लेकिन प्रधानमंत्री को राजनीति के अलावा कुछ नहीं दिख रहा है। प्रधानमंत्री मणिपुर और बृजभूषण पर चुप हैं, लेकिन राजस्थान में रैली करने के लिए समय है। उन्हें संसद में आने के लिए समय नहीं है, लेकिन इन ज्वलंत मुद्दों पर आवाज उठाने वाले व्यक्ति को संसद से बाहर कर देंगे।

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