बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने तीन किलो का ट्यूमर निकालकर महिला को बचाया, दो घंटे तक चली जटिल सर्जरी

लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला की दुर्लभ बीमारी की जटिल सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया है। वह गोंडा जिले की रहने वाली है। डॉक्टरों ने दो घंटे जटिल ऑपरेशन कर तीन किलो का ट्यूमर निकालने में सफलता पायी है।

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Indinewsline, Lucknow:
लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला की दुर्लभ बीमारी की जटिल सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया है। वह गोंडा की रहने वाली है। डॉक्टरों ने दो घंटे जटिल ऑपरेशन कर तीन किलो का ट्यूमर निकालने में सफलता पायी है।

डबल गर्भाशय और मल्टीपल फायब्राइड ट्यूमर था
गोंडा के मनकापुर घसुआ खाल निवासी महिला (45) को डबल गर्भाशय और मल्टीपल फायब्राइड ट्यूमर था। परिवारीजनों ने बलरामपुर अस्पताल के सर्जन डॉ. एसआर समद्दर को महिला को पेट दर्द, सूजन की शिकायत पर जनवरी में ओपीडी में दिखाया। डॉक्टर ने जांच करवाई तो पता चला कि डबल गर्भाशय के साथ महिला को ट्यूमर है।

डॉ. समद्दर के मुताबिक महिला का ऑपरेशन पीजीआई और गोंडा मेडिकल कॉलेज में होना था, लेकिन जटिलताओं की वजह से संभव नहीं हो पा रहा था।

गंभीर बीमारियों से पीड़ित थी महिला मरीज, चुनौतीपूर्ण रहा एनेस्थीसिया
डॉ. समद्दर ने बताया कि मरीज को हाइपरटेंशन, हाइपोथायरायडिज्म और हाइपोकैलेमिया जैसी गंभीर बीमारियां भी थीं। मरीज का पिट्यूटरी ग्लैंड का ऑपरेशन सात साल पहले हो चुका था, जिससे एनेस्थीसिया देना बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। एनेस्थीसिया और न्यूरो सर्जन से राय लेने के बाद पांच फरवरी को बलरामपुर अस्पताल की टीम ने ऑपरेशन किया। करीब दो घंटे ऑपरेशन चला। सावधानी के साथ डबल गर्भाशय एवं ट्यूमर को निकाला गया। ट्यूमर करीब तीन किलो का था। ऑपरेशन में मरीज को दो यूनिट खून भी चढ़ाया गया। मरीज से निकाले गए स्पेसिमेन को पैथोलॉजी विभाग में सुरक्षित रखा गया।

ऑपरेशन करने वाली टीम में ये चिकित्सक व कर्मचारी रहे शामिल
ऑपरेशन करने वालों में बलरामपुर के सर्जन डॉ. एसआर समद्दर, डॉ. शुभम गोयल एनेस्थीसिया से डॉ. पीयूष कुमार, डॉ. अंजुम, डॉ. शिफा जावेद के अलावा सहायक स्टाफ में महेंद्र कुमार, सुमैया शामिल रहे। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश, सीएमएस डॉ. संजय तेवतिया, एमएस डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने ऑपरेशन करने वाली पूरी टीम को बधाई दी।

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