भूकंप, हीट वेव और बारिश में जल भराव के लिए तैयार होगी दिल्ली

एलजी ने मुख्यमंत्री के साथ की बैठक, दिए आदेश

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नई दिल्ली
दिल्ली में बार बार आ रहे भूंकप, गर्मी के दौरान चलने वाले हीट वेव और बारिश के दौरान होने वाले जल भराव के लिए दिल्ली तैयार होगी।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक की। इस बैठक में दिल्ली की जोखिम संवेदनशीलता और जोखिम मूल्यांकन, भूकंप की तैयारी योजना, शहरी बाढ़ और अत्यधिक गर्मी की घटनाएं और संबंधित राज्य गर्मी कार्य योजना पर चर्चा हुई।
बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त, विभागाध्यक्ष और सदस्य (एनडीएमए), संभागीय आयुक्त, डीजी (अग्निशमन एवं नागरिक सुरक्षा), भारत सरकार और एनडीआरएफ, डीडीए, एमसीडी, एनडीएमसी, पीडब्ल्यूडी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग, डीडीएमए और दिल्ली जल बोर्ड आदि के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में यह मामला सामने आया कि डीडीएमए बुनियादी ढांचे, जनशक्ति और प्रौद्योगिकी के मामले में पूरी तरह से सुसज्जित नही है। दिल्ली देश के उन राज्यों में से एक है, जिनके पास अपना राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) नहीं है। दिल्ली में कमांड और कंट्रोल सेंटर (सीसीसी) का भी अभाव है, जिससे आपदा के समय एकीकृत और एकीकृत प्रतिक्रिया असंभव हो जाती है।
इस समस्या को देखते हुए एलजी ने अधिकारियों को जल्द से जल्द भूमि/भवन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सीएम से कहा कि वे रसद के मुद्दों को पूरा करवाएं। पिछली सरकार ने अब तक उपेक्षित किया गया था। एनडीएमए से पूछा गया और उसने डीडीएमए के जीर्णोद्धार और पुनर्गठन तथा सीसीसी की स्थापना में सभी आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की। भूकंपीय क्षेत्र-IV में स्थित होने और 18 फरवरी, 2025 को हाल ही में आए भूकंप के कारण भूकंप के प्रति दिल्ली की संवेदनशीलता ने एक व्यापक शमन और रोकथाम रणनीति को अनिवार्य बना दिया।
इसके अलावा, शहर में क्षेत्रों के माइक्रोजोनेशन ने एक तस्वीर पेश की, जिसमें यमुना, उत्तर, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के साथ घनी आबादी वाली अधिकांश कॉलोनियां भूकंप की अत्यधिक संभावित क्षेत्रों में आती हैं। तथ्य यह है कि इन क्षेत्रों में अधिकांश अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जिनमें बहुत छोटे भूखंडों पर चार-पांच मंजिला घरों की संरचनात्मक सुरक्षा को गंभीर चिंता का विषय बताया गया।
डीडीएमए के स्तर पर ही गर्मी हीट वेव और उसके कारण लोगों को होने वाली परेशानियों तथा मानसून के दौरान बाढ़ के मुद्दे को उठाया गया। नई सरकार द्वारा इन बुनियादी ढाँचे के मुद्दों को दिए जाने वाले महत्व को रेखांकित किया गया। आगामी गर्मियों और उसके बाद के मानसून के मौसम से काफी पहले आयोजित इस बैठक में विभिन्न पहलुओं से संबंधित निवारक, उपचारात्मक और आकस्मिक उपायों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें पानी की उपलब्धता और वितरण प्रबंधन, नालियों और सीवर लाइनों की सफाई, जल निकासी प्रबंधन, आवश्यक उपकरणों की स्थापना आदि शामिल थे, जहाँ तक अत्यधिक गर्मी और बाढ़ का सवाल है। भूकंप की तैयारियों के संबंध में, बैठक में अस्पतालों, तत्काल राहत के लिए पहचाने गए स्कूल भवनों, अग्निशमन केंद्रों, गैस, पानी, बिजली आपूर्ति लाइनों और मेट्रो के रेट्रो फिटमेंट पर विचार-विमर्श किया गया। विशेष रूप से अनधिकृत कॉलोनियों में बड़े पैमाने पर रेट्रो फिटमेंट, इमारतों को भूकंपरोधी बनाने के लिए सक्रिय सार्वजनिक भागीदारी और भूकंप की स्थिति में नागरिक सुरक्षा, होमगार्ड और आपदा राहत स्वयंसेवकों की तैनाती पर भी विचार-विमर्श किया गया।
ग्रीष्म कालीन कार्य योजना 2025 और बाढ़ प्रबंधन के मुद्दे पर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से एक महीने के भीतर एक व्यापक कार्य योजना प्रस्तुत करने और उन्हें पहले से ही कार्यान्वयन के लिए तैयार रखने को कहा।

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