गर्भवती महिलाओं के लिए संशोधित PMMVY 2.0 लागू,पिता के आधार कार्ड की भी अनिवार्यता खत्म

CMO कार्यालय में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

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लखनऊ। गर्भवती और धात्री महिलाओं के पोषण के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) में कुछ संशोधन कर PMMVY 2.0 के रूप में इसे लागू कर दिया गया है। इसी क्रम में मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ।
इस मौके पर PMMVY के नोडल अधिकारी डॉ. आर.एन. सिंह ने योजना में बदलाव की जानकारी देते हुए बताया कि PMMVY 2.0 में अब तीन किस्तों में मिलने वाले पांच हजार रुपए दो किस्तों में मिलेंगे। PMMVY में पहले लाभार्थी को तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिये जाते थे। पहले प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये, दूसरी किस्त के रूप में (गर्भावस्था के छह माह बाद) 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते थे।
अब यह धनराशि दो किस्तों में मिलेगी। प्रथम किस्त (तीन हजार रुपये) प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर और दूसरी किस्त (दो हजार रुपये) बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने, बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर मिलेगी।

इसके साथ ही योजना का लाभ लेने के लिए समय सीमा में भी बदलाव किया गया है। अब लाभार्थी की अंतिम माहवारी आने की तिथि से 570 दिन तक या बच्चे के जन्म लेने के 270 दिन तक पंजीकरण कर सकेंगे।
योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज हैं-माँ का आधार कार्ड, MCP कार्ड, प्रसवपूर्व जांच की तारीख, आदि। इसके अलावा आठ लाख से कम आय की स्थिति में आय प्रमाण पत्र या बीपीएल राशन कार्ड या ई-श्रम कार्ड या आयुष्मान कार्ड या मनरेगा कार्ड आवश्यक होगा। महिला किसान की स्थिति में लाभार्थी को किसान सम्मान निधि का लाभार्थी होना जरूरी है। यदि लाभार्थी दिव्यांग है तो 40 फीसद से अधिक दिव्यांगता की स्थिति में प्रमाण पत्र जरूरी होगा। इसके अलावा यदि लाभार्थी अनुसूचित जाति या जनजाति से है तो उस स्थिति में जाति प्रमाण पत्र जरूरी है। आधार कार्ड का बैंक खाते के साथ लिंक होना आवश्यक है। जिसके बाद लाभार्थी को 3000 रुपये की पहली किस्त और बच्चे के जन्म के बाद दूसरा फॉर्म भरने पर 2000 रुपये मिलेगा। गर्भवती और धात्री आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका भी इस योजना का लाभ उठा पायेंगी।
इसके अलावा दूसरी बार गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला को दूसरा शिशु बालिका होने पर 6000 रुपये का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। इसके लिए लाभार्थी को बच्चे का टीकाकरण कार्ड सहित अन्य सभी पहचान पत्र जो ऊपर दिए गए हैं उसके सत्यापन के बाद ही 6000 रुपये का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही बच्चे का जन्म एक अप्रैल 2022 या उसके बाद हुआ हो। सरकारी कर्मचारी इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि योजना का लाभ पाने के लिए पिता के आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी गयी है। योजना में पहले पिता का आधार कार्ड होना अनिवार्य था, अब यह अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। उन्होंने कहा इससे अब उन महिलाओं को भी लाभ मिल सकेगा जो तलाकशुदा और सिंगल मदर हैं। केवल मां के आधार कार्ड पर योजना का लाभ मिल सकेगा। योजना को अब पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है | अब फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है। आशा कार्यकर्ता और एएनएम पोर्टल पर सीधे लाभार्थी का ब्योरा भर सकेंगी।
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 की धारा 4 के तहत प्रावधानों के अनुसार योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसका उद्देश्य मां और बच्चे के लिए पोषण के साथ-साथ मजदूरी के नुकसान के लिए आंशिक मुआवजे के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना है। योजना के तहत मिलने वाली धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। योजना का लाभ पाने के लिए अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता एवं एएनएम से संपर्क करें।
इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, सभी बीपीएम, बीसीपीएम एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी मौजूद रहे।

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