वोकल फॉर लोकल से स्वदेशी बन रहा मजबूत ब्रांड : PM

मुफ़्त राशन, पक्का मकान, 5 लाख रुपये तक का मुफ़्त इलाज- यह मोदी की गारंटी है

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नई दिल्ली
आज का भारत सिर्फ ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ ही नहीं, बल्कि इसे दुनिया भर में ले जाने के लिए वैश्विक मंच भी प्रदान कर रहा है। यह कहना है भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का। सोमवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह को संबोधित “अगस्त ‘क्रांति’ का महीना है। इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित ई-पोर्टल ‘भारतीय वस्त्र एवं शिल्प कोष-कपड़ा और शिल्प का भंडार’ का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और वहां मौजूद बुनकरों से बातचीत की।
PM visits exhibition in Bharat Mandapam on the occasion of National Handloom Day at Pragati Maidan, in New Delhi 
उन्होंने कहा कि भारत मंडपम के उद्घाटन से पहले प्रगति मैदान में आयोजित प्रदर्शनी में प्रदर्शक अपने उत्पादों का प्रदर्शन तंबू में किया करते थे।
स्वदेशी आंदोलन पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल विदेश में बने कपड़ों के बहिष्कार तक ही सीमित नहीं था, बल्कि भारत की स्वतंत्र अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणास्रोत भी रहा। उन्होंने कहा कि यह भारत के बुनकरों को लोगों से जोड़ने का आंदोलन था और सरकार द्वारा इस दिन का चयन राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में करने के पीछे यही प्रेरणा थी।
पिछली शताब्दियों में भारत के कपड़ा उद्योग के मजबूत स्थिति में होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर अफसोस प्रकट किया कि आजादी के बाद इसे मजबूत बनाने की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। उन्होंने कहा, “यहां तक कि खादी को भी मरणासन्न स्थिति में छोड़ दिया गया था।” उन्होंने कहा कि खादी पहनने वालों को हेय दृष्टि से देखा जाता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद सरकार इस परिस्थिति और इसके पीछे की सोच को बदलने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के शुरुआती चरण के दौरान देशवासियों से खादी उत्पाद खरीदने के अपने आग्रह को याद किया। इसके परिणामस्वरूप पिछले 9 वर्षों में खादी के उत्पादन में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि खादी कपड़ों की बिक्री में 5 गुना वृद्धि हुई है और विदेशों में भी इसकी मांग बढ़ रही है। श्री मोदी ने अपनी पेरिस यात्रा के दौरान एक बड़े फैशन ब्रांड के सीईओ से मुलाकात को भी याद किया, जिन्होंने उन्हें खादी और भारतीय हथकरघा के प्रति बढ़ते आकर्षण के बारे में जानकारी दी थी।

 

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