असंवैधानिक तरीके से चलाई जा रही दिल्ली विधानसभा

विधानसभा का प्रयोग केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उपराज्यपाल को गालियां देने के लिए

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नई दिल्ली
दिल्ली भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि पिछले साढे 3 वर्षों से दिल्ली विधानसभा को असंवैधानिक तरीके से चलाया जा रहा है। विधानसभा में दिल्ली के मुद्दों और समस्याओं पर चर्चा नहीं होती और उसका इस्तेमाल सिर्फ केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, उपराज्यपाल और अफसरों को गालियां निकालने के लिए किया जा रहा है। प्रश्नोत्तर काल समाप्त करके विधायकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।


दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि दिल्ली के गार्जियन होने के नाते वह विधानसभा की गरिमा और विधायकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कदम उठाएं।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की और अपना विरोध जताया।
प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के सभी विधायक सर्वश्री मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, ओमप्रकाश शर्मा, जितेंद्र महाजन, अनिल वाजपेयी, अभय वर्मा और अजय महावर सभी शामिल रहे।

भाजपा नेताओं ने उपराज्यपाल महोदय को बताया कि दिल्ली विधानसभा में राजधानी की समस्याओं जैसे भ्रष्टाचार, बिजली, पानी, ट्रांसपोर्ट, स्वास्थ्य, प्रदूषण और टूटी-फूटी सड़कों जैसी समस्या पर कभी चर्चा नहीं कराई जाती। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि विपक्ष द्वारा भेजे गए चर्चा के किसी भी प्रस्ताव को आज तक स्वीकार नहीं किया गया। एक वर्ष में बजट, मानसून और शरदकालीन सत्र अनिवार्य रूप से बुलाया जाना चाहिए लेकिन इस नियम की भी परवाह नहीं की जाती। विधानसभा सत्र बुलाने से पहले 15 दिन का नोटिस तक नहीं दिया जाता। यहां तक कि बजट अधिवेशन जैसे नियमित सत्र में भी प्रश्नोत्तर काल समाप्त कर दिया गया है।

अब 16, 17 अगस्त को बुलाया गया सत्र भी आपात सत्र है और उसमें भी प्रश्नोत्तर काल नहीं है। भाजपा विधायकों ने कहा कि यह उनके अधिकारों का हनन है।
भाजपा नेताओं ने उपराज्यपाल को जानकारी दी कि विधानसभा सत्रों का सत्रावसान ही नहीं किया जाता, जिसका उल्लेख संसद में स्वयं गृहमंत्री अमित शाह ने किया है। विधानसभा सत्र सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, उपराज्यपाल और अधिकारियों को गालियां देने के लिए ही बुलाया जाता है जिनमें अपशब्दों का खुलेआम प्रयोग किया जाता है।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने उपराज्यपाल महोदय को सुझाव दिया कि दिल्ली का गार्जियन होने के नाते वह विधानसभा की गरिमा, सदस्यों के अधिकार और दिल्ली के टैक्स पेयर्स के करोड़ों रुपए बर्बाद होने से बचाएं।
विधानसभा सत्र पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं लेकिन जनता की समस्याओं पर चर्चा ही नहीं होती तो उन्हें हल करने का भी सवाल पैदा नहीं होता। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि इस मामले में विशेषज्ञों की राय ली जा सकती है या फिर कोई कमेटी बनाकर इस असंवैधानिक स्थिति को समाप्त किया जा सकता है।

 

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