OLD DELHI में नहीं दिखेगा सीवर का गंदा पानी, जानें कैसे होगा यह करिश्मा

डीजेबी दिल्ली गेट में बनाएगा 10 एमजीडी का नया WWTP, पुरानी दिल्ली का 100 फीसदी सीवेज होगा शोधित, दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2025 तक यमुना को स्वच्छ बनाना

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नई दिल्ली
पुरानी दिल्ली में जल्द सीवर की गंदे पानी की समस्या खत्म हो जाएगी। क्लीन यमुना मिशन के तहत दिल्ली जल बोर्ड दिल्ली गेट के पास 10 एमजीडी क्षमता के नए वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करेगा। इस प्लांट को निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा। इस प्लांट के बनने से पुरानी दिल्ली के 100 फीसदी सीवेज का शोधन संभव हो पाएगा। ऐसा होने से यमुना के प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है।

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने शनिवार को दिल्ली गेट स्थित वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने प्लांट के संचालन की सराहना करते हुए कहा कि इस प्लांट के शोधित पानी की गुणवत्ता तय मानक 10/10 से भी बेहतर है। यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए 13 जगहों को ट्रैप कर सीवर के पानी को यमुना में गिरने से पहले शोधित करने के लिए वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स से जोड़ा जा चुका है। जून 2024 तक बाकी बची हुई 5 जगहों को भी ट्रैप कर लिया जाएगा। दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2025 तक यमुना को स्वच्छ करने का है ताकि दिल्ली वासियों से किया गया यमुना में डुबकी लगाने का वादा भी पूरा किया जा सके।
यहां पहले से 15 एमजीडी का प्लांट चल रहा है। इस प्लांट में बिजली का उत्पादन करने के लिए बनाए गए गैस आधारित बिजली संयंत्र से प्लांट की कुल बिजली खपत का 1/3 बिजली उत्पादन किया जा रहा है। वहीं प्लांट के ट्रीटेड पानी को टैंकर्स में भरकर डीटीसी को बसों की धुलाई और पीडब्ल्यूडी को सड़कों की धुलाई के लिए सप्लाई किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुरानी दिल्ली के सीवेज को शोधित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड यहां एक और नया वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना रहा है। जिसकी क्षमता 10 एमजीडी होगी और जल्द ही प्लांट का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस प्लांट का काम एक साल में पूरा होने की उम्मीद है। इस वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक और पहाड़गंज के आसपास के क्षेत्रों का सीवेज शोधित किया जाएगा। इस प्लांट से पुरानी दिल्ली के 100 फीसदी सीवेज का शोधन संभव हो पाएगा।

 

 

18 में से 13 जगह ट्रैप, 5 बाकी, 2024 तक काम होगा पूरा

सोमनाथ भारती ने बताया कि दिल्ली में 18 जगह से नालों का पानी यमुना में गिराया जाता है। दिल्ली जल बोर्ड ने इनमें से 13 जगह को ट्रैप कर लिया है। इन जगहों से नालों के जरिए सीवेज का पानी यमुना में गिरने से पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में शोधित किया जा रहा है। अबतक 18 जगह में से 13 जगह पर सिर्फ शोधित पानी ही यमुना में मिल रहा है। जिससे यमुना के प्रदूषण में कमी आ रही है। बाकी बची पांच जगह को भी ट्रैप कर नालों के पानी को यमुना में गिराने से पहले वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में शोधित किया जाएगा। इस काम को पूरा करने के लिए जून 2024 की समय सीमा तय की गई है। दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2025 तक यमुना को स्वच्छ करने का है ताकि दिल्ली वासियों से किया गया यमुना में डुबकी लगाने का वादा भी पूरा किया जा सके।

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