ASHA वर्कर्स ने फूंका आशा मिशन का पुतला, जानें क्या है मामला
अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे आशा वर्कर्स को डराने व झूठी अफवाह फैलाने के विरोध में उतरे वर्कर्स
नई दिल्ली
सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, इन्सेंटिव की जगह 15 हजार रुपए वेतन देने सहित अन्य मांग को लेकर दिल्ली आशा वर्कर्स एसोसिएशन (दावा यूनियन) के तरफ से घोषित आशा वर्कर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल गुरुवार को भी जारी रहा। विरोध प्रदर्शन के 18वें दिन आशा वर्कर्स ने सिविल लाइन स्थित धरना स्थल पर दोपहर सबसे पहले आशा मिशन की शव यात्रा निकाली गई और उसके बाद दावा यूनियन की कार्यकारी अध्यक्ष शिक्षा राणा ने आशा मिशन के पुतले को फूंका।
आशा वर्कर्स का दावा है कि प्रशासन की तरफ से हमें डराया धमकाया जा रहा है। इस हड़ताल को खत्म करने की झुठी अफवाह फैलाई जा रही है। लेकिन आशा वर्कर्स इससे डरने वाली नहीं हैं बल्कि और मजबूत होकर झूठी अफवाह फैलाने का जोरदार जवाब दिया। उसका नतीजा यह है कि आज भी धरने पर सैंकडों आशाएं है और अभी लगातार शामिल होती जा रही है।
इस मौके पर धरने को दावा की सचिव उषा ठाकुर, अध्यक्ष सोनू और कार्यकारी अध्यक्ष शिक्षा, सरोज, सुजाता, नीरज, निरु, संध्या, ममता के अलावा दावा यूनियन के मुख्य सलाहकार मैनेजर चौरसिया तथा सलाहकार प्रकाश देवी ने आने वाले समय में आंदोलन को और तेज करने की अपील करते हुए कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नही होगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
लगाते रहे नारे
पुतला जलाने के दौरान आशाएं आशा मिशन मुर्दाबाद , आशा मिशन हाय हाय, आशाओं को धमकाना बंद करो, हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दो, इंसेंटिव नही वेतन दो के नारे लगाते रही।