Stalin के ​खिलाफ एकजुट हुए हिंदू साधु-संत, किया विरोध प्रदर्शन

द्रमुक नेता को समर्थन देने वाले अन्य नेताओं के खिलाफ भी नारेबाजी

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नई दिल्ली
सनातन धर्म को लेकर आप​त्तिजनक टिप्पणी करने वाले द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता उदयनिधि स्टालिन के ​खिलाफ सोमवार को हजाराें साधु-संतों ने तमिलनाडु भवन के निकट विरोध प्रदर्शन किया और उसका पुतला फूंका। संतों ने सनातन धर्म को लेकर इसी प्रकार के बयान देने वाले और द्रमुक नेता को समर्थन देने वाले अन्य नेताओं के खिलाफ भी नारेबाजी की।
इस मौके पर राष्ट्रीय परशुराम सेना ब्रह्म वा​हिणी के दिल्ली प्रदेश के महासचिव डॉक्टर सुनील कौशिक जी महाराज ने कहा कि भी सनातन धर्म के ​खिलाफ बोलेगा वह मिट्टी ​में मिल जाएगा।
राष्ट्रीय परशुराम सेना ब्रह्म वाहिनी परिवार दिल्ली प्रदेश के सभी महासचिव सुनील कुमार शास्त्री मधुर जी अवधेश जी करीब 100 कार्यकारिणी सदस्यों एवं सदस्यों के साथ सनातन धर्म संघर्ष समिति के साथ तमिलनाडु भवन पर धरना-प्रदर्शन एवं पुतला दहन में शामिल हुए। जब हमारे संवाददाता की बात फोन पर दिल्ली प्रदेश प्रभारी मुकेश शर्मा से हुई तो उन्होंने बताया कि सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों पर राष्ट्रीय परशुराम सेना ब्रह्म वाहिनी कार्यवाही चाहती है। अगर स्टालिन स्वामी प्रसाद मौर्य एवं अन्य के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय कार्यवाही नहीं करते तो राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल तिवारी जी के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल रैली एवं धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
सुबह करीब दस बजे साधु संत सरोजिनी नगर में एक मंदिर से तमिलनाडु भवन की ओर रवाना हुए। पुलिस ने उन्हें अफ्रीका एवेन्यू पर रोका जिसके बाद उन्होंने उदयनिधि और अन्य के पुतले फूंके। संतों ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों को अपने नेताओं को सनातन धर्म के खिलाफ बयान जारी करने से रोकना चाहिए।
दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष नरायण गिरि महाराज ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की चुप्पी से वह हैरान हैं। उन्होंने कहा कि यहां तक की उच्चतम न्यायालय ने भी सनातन धर्म के खिलाफ नेताओं के घृणा भाषण का संज्ञान लिया। सनातन धर्म के खिलाफ नेताओं की जो भाषा है वह सुमदायों के बीच द्वेष पैदा करती है और इस प्रकार के राजनेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने हाल में सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी और इसके उन्मूलन की बात कही थी, जिसके बाद देश भर में विवाद पैदा हो गया था।
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