Asha Workers की हड़ताल जारी, धरना स्थल पर मनाया शहीद ए आजम भगत सिंह की 117 वीं जयंती

सिविल लाइन पर विरोध प्रदर्शन करते हुए हो गए है 32 दिन, प्रशासन ने नहीं ली सुध

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नई दिल्ली
अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही आशा वर्कर्स ने गुरुवार को सिविल लाइन धरना स्थल पर शहीद ए आजम भगत सिंह की 117 वीं जयंती मनाई। साथ ही अपने संघर्ष को और तेज करने का आवाहन किया। शहीद भगत सिंह के विचारों को आशाओं ने रखा गया और कुछ क्रांतिकारी गीत भी गए गाए।

धरने को संबोधित करते हुए एआईयूटीयूसी के राज्य सचिव मैनेजर चौरसिया और सचिवमंडल के सदस्य भास्कर आनंद, दावा यूनियन की महासचिव उषा ठाकुर, अध्यक्ष सोनू जी एआईयूटीयूसी के राज्य कमेटी सदस्य भंवरपाल जी और दावा की सलाहकार प्रकाश देवी, नीरज, सुजाता, मीना आदि ने अपना वक्तव्य रखा।
उन्होंने कहा कि शहीद ए आजम भगत सिंह का बलिदान एक महान बलिदान है। उन्होंने मात्र 23 साल की उम्र में देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान की। शहीद ए आज़म चाहते थे कि समाज से जुल्म का खात्मा हो। सभी को समान रूप से जीने का अधिकार मिले। भगत सिंह ने कहा था कि यह युद्ध जब तक जारी रहेगा जब तक की शोषण का खत्म ना हो जाए। हमारा आंदोलन भी शोषण के खिलाफ है जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती हमें प्रशासन कितना भी डराए, धमकाएं चाहे, नौकरी से निकलने का धमकी दे लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। हम अपने कदम आगे ही बढाते रहेंगे।
दावा की महासचिव ने घोषणा की कि 29 सितंबर को एक हुमन चैन बनाई जाएगी जो चंदगी राम अखाड़े से शुरू होकर दिल्ली मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल के घर तक जाएगी और सभी आशाएं अपने गले में अपनी मांगों की पट्टी लटकाए और हाथ में थाली लिए केजरीवाल और प्रशासन के कान खोलने के लिए यह हुमन चैन बनाएंगी।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी आज धरना स्थल पर आकर आशा वर्कर्स को अपना समर्थन दिया। एआईडीएसओ की राज्य सचिव श्रेया ने इस धरने में आकर आशाओं की हड़ताल को समर्थन देते आश्वासन दिया कि शोषण के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है, हम हम जीत के हासिल करके ही रहेंगे। इसी के साथ-साथ उन्होंने आंदोलनकारी आशाओं के लिए क्रांतिकारी गीत भी गाये। सभा का संचालन सरोज ने किया।

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