Human chain बनाकर Asha Workers ने रखी अपनी मांग

केजरीवाल के घर तक हजारों लोगों की संख्या चैन बनाकर जाने लगी। लेकिन , रास्ते में दिल्ली पुलिस के जवानों ने उन्हें रोक दिया

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नई दिल्ली,

सरकारी कर्मचारी का दर्जा और 15 हजार वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर आशा वर्कर्स की हड़ताल की । शुक्रवार को हड़ताल के 33 दिन बीत चुके है.लेकिन , अभी तक सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही है। इसलिए आज हजारों आशाओँ ने अपने विरोध को जताया। इसमें उन्होंने चंदगी राम अखाड़े से केजरीवाल के घर तक हजारों लोगों की संख्या चैन बनाकर जाने लगी। लेकिन , रास्ते में दिल्ली पुलिस के जवानों ने उन्हें रोक दिया। हजारों आशाएं ने ‘आशा वर्कर्स जिंदाबाद, हमारी एकता जिंदाबाद, इंसेंटिव नहीं वेतन दो, हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दो, बुलंद आवाज में नारे लगाए।

मानव श्रृंखला की समाप्ति के बाद धरना स्थल पर फिर से सभा हुई। इसमें, सभा में दावा यूनियन की कार्यकारी अध्यक्ष शिक्षा राणा, अध्यक्ष सोनू जी, महासचिव उषा ठाकुर, सुजाता पांडे, नीरज, कुसुम, सावित्री के अलावा एआईयूटीयूसी के राज्य सचिव मैनेजर चौरसिया और सलाहकार प्रकाश देवी ने सम्म्बोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि आज ये मानव श्रृंखला हमारे एक विरोध का तरीका है। हड़ताल के 33 दिन बाद भी सरकार ने अभी तक हमारी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार जितना ज्यादा नकारात्मक रवैया अपना रही है आशाओं का आंदोलन उतना ही भी तेज हो रहा है। वक्ता ने कहा कि हम अपना आंदोलन बुलंदी तक लेकर जाएंगे ताकि आशा मिशन, स्वास्थ्य मंत्री और केजरीवाल तक अपनी आवाज को पहुंच सके।

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