India के भू-स्थानिक परिवेश को परिवर्तित करने के लिए जेनेसिस इंटरनेशनल और सर्वे ऑफ इंडिया ने एक विशेष साझेदारी पर हस्ताक्षर किए

प्रमुख शहरों और नगरों के डिजिटल रूप तैयार करना इस महत्वपूर्ण सहयोग का लक्ष्य है

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नई दिल्ली

भारत की प्रमुख मैपिंग कंपनी, जेनेसिस इंटरनेशनल और देश के राष्ट्रीय सर्वेक्षण और मानचित्रण प्राधिकरण, सर्वे ऑफ इंडिया (एसओआई) ने भारत के मानचित्र में बड़ा परिवर्तन लाने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। जेनेसिस के पूरे भारत के सबसे सटीक नेविगेशन-योग्य मानचित्रों, जेनेसिस के सेंसरों के समूह और कुछ ही समय पहले एस.ओ.आई. के द्वारा शुरू किए गए सी.ओ.आर.एस. नेटवर्क का लाभ उठाते हुए प्रमुख शहरों और कस्बों के जैसे डिजिटल रूप तैयार करना इस महत्वपूर्ण सहयोग का उद्देश्य है जो व्यावहारिक आधार पर अत्यंत सटीक स्थिति वाले आँकड़े प्राप्त करना संभव बनाता है। भारत की राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 के अनुरूप यह सहकार्यता है, जो भू-स्थानिक डेटा तैयार करने और उपयोग में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने का कार्य करती है।

भारत के कस्बों और शहरों में 8.5 मिलियन किलोमीटर, 40 मिलियन पॉइंट ऑफ इंटरेस्ट (पी.ओ.आई.) और पतों के साथ-साथ 1 मिलियन किलोमीटर की अभूतपूर्व 360-डिग्री पैनोरमिक इमेजरी को शामिल करने वाले अत्यधिक सटीक, सड़कों के पूर्णतः नेविगेशन योग्य आँकड़े विकसित करने के लिए जेनेसिस इंटरनेशनल ने प्रशंसा प्राप्त की है। एल.आई.डी.ए.आर. एवं ऑप्टिकल सेंसर के अपने जेनेसिस समूह का लाभ उठाते हुए, यह कंपनी डिजिटल ट्विन और 3डी मानचित्र तैयार करने में एक प्रमुख कंपनी के रूप में स्थापित है।एस.ओ.आई. के कन्टिन्यूसली ऑपेरेटिंग रेफेरेंस स्टेशंस (सी.ओ.आर.एस.) नेटवर्क, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 902 स्टेशन शामिल हैं, जो स्थितिकरण के व्यावहारिक, अत्यंत-सटीक आँकड़े प्रदान करता है। सी.ओ.आर.एस. के आँकड़ों को निर्बाध रूप से संघटित करके, जेनेसिस यह सुनिश्चित करेगी कि उसके जैसे डिजिटल प्रारूप अनूठी सटीकता के साथ शहरों गतिशील परिवेश को हूबहू प्रतिबिंबित करें। यह एकीकरण शहरों के नियोजन, दूरसंचार के सिग्नल के मूल्यांकन, आपदा प्रबंधन और सटीक और विश्वसनीय भू-स्थानिक जानकारी के साथ आधारभूत ढाँचे के विकास जैसे अनुप्रयोगों को सशक्त बनाता है।

सहकार्यता की मुख्य विशेषतायें:

• भारत के प्रमुख शहरों और नगरों के लिए जेनेसिस जियोस्पेशियल 3डी डिजिटल ट्विन्स उत्पन्न करेगी।
• एस.ओ.आई. जेनेसिस को सी.ओ.आर.एस. आँकड़े प्रदान करेगी।
• एस.ओ.आई. भारत के प्रमुख शहरों और कस्बों की प्रशासनिक सीमायें प्रदान करेगी।
• जेनेसिस और एस.ओ.आई. शहरी 3डी डेटा मॉडल पर मिलकर करेंगे।
• जेनेसिस सर्वेक्षण के अत्याधुनिक उपकरण और जमीनी स्तर पर सत्यापन का उपयोग करके सटीक भू-स्थानिक आँकड़े प्राप्त करेगी।
• जेनेसिस अपने भू-स्थानिक आँकड़ों के उत्पादों को “कंटेंट-ऐज़-ए-सर्विस” मॉडल में अंतिम-उपयोगकर्ताओं को लाइसेंस प्रदान करेगी।
• तकनीकी कार्यशालाओं के माध्यम से शहरी प्रशासन को सटीक भू-स्थानिक आँकड़ों की उपयोगिता से अवगत कराने के लिए संयुक्त प्रयास किए जायेंगे।
• इस सहकार्यता के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया, जिसमें जेनेसिस इंटरनेशनल के अत्याधुनिक भू-स्थानिक समाधानों को प्रदर्शित किया गया, जो सक्रियता से शहरों की जटिल चुनौतियों का समाधान प्रदान करते हैं।

भारत के महासर्वेक्षक  हितेश कुमार मकवाना, आई.ए.एस. ने इस साझेदारी पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा, “भू-स्थानिक विषय-वस्तु प्रदान करने में एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनी, जेनेसिस इंटरनेशनल के साथ मिलकर कार्य करने को लेकर सर्वे ऑफ इंडिया बेहद उत्साहित है। यह साझेदारी हमारी सर्वेक्षण की तकनीकों को आधुनिक बनाने और भारत की कंपनियों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जो 3डी डिजिटल ट्विन हम तैयार करना चाहते हैं वह सरकार के विभिन्न प्रयासों के लिए एक मूल्यवान वस्तु होगी। जेनेसिस की मानचित्रण की विशेषज्ञता के साथ हमारी सी.ओ.आर.एस. तकनीक का संघटन भू-स्थानिक आँकड़ों की सटीकता और विश्वसनीयता का स्तर ऊँचा उठाकर भारत के विकास के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल देगा। हम इस सहकार्यता की भविष्य की संभावनाओं को लेकर रोमांचित हैं।”

जेनेसिस इंटरनेशनल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक साजिद मलिक ने साझेदारी पर अपना गर्व व्यक्त करते हुए बताया, “हमें भारत के विकास के लिए आधारशिला के रूप में काम करने वाले भारत के शहरों का डिजिटल ट्विन तैयार करने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया के साथ संबद्ध होने पर गर्व है।” हम खुश हैं कि भारत का प्रमुख मानचित्रण प्राधिकरण इस विकसित होते डिजिटल आधारभूत ढाँचे के विकास में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।”जेनेसिस और एस.ओ.आई. के बीच इस महत्वपूर्ण गठजोड़ के साथ भू-स्थानिक उत्कृष्टता के एक नए युग का उदय हो रहा है, जो विभिन्न क्षेत्रों में निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए बहुमूल्य आँकड़े और एप्लिकेशंस प्रदान करता है जैसा कि अनुमान 2025 तक भारत के शहरी और उपयोगिता क्षेत्र के भीतर भू-स्थानिक बाजार में अहम वृद्धि का संकेत देते हैं, जो इस क्षेत्र के अंदर आर्थिक अवसरों को महत्वपूर्ण रूप से प्रदर्शित करता है।

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