LUCKNOW: किसानों-मजदूरों के आन्दोलन को और तेज करने का ऐलान, महापड़ाव का समापन

राज्यपाल से सभी फसलों की एमएसपी की गारंटी, बिजली बिल वापसी समेत 25 सूत्रीय मांग

0 158

लखनऊ। किसानों और मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई को और तेज करने के संकल्प के साथ ही लखनऊ के ईको गार्डन में चल रहे तीन दिवसीय महापड़ाव का मंगलवार को समापन हो गया। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) तथा संयुक्त ट्रेड यूनियन की ओर से देश के सभी राज्यों की राजधानी में तीन दिवसीय महापड़ाव का आयोजन किया गया था। नगर मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्यपाल को भेजे गए ज्ञापन में सभी फसलों की एमएसपी की गारंटी, बिजली बिल वापसी समेत 25 सूत्रीय मांगों को पूरा कराने की मांग की गई है।
किसान व मजूदर नेता भारत सिंह, जय प्रकाश नारायण, शशिकांत, छीतर सिंह आदि ने कहा कि मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार की विरोधी नीतियों कॉर्पोरेट परस्त सांप्रदायिक गठजोड़ के खिलाफ यह लडाई और तेज की जायेगी। साथ ही गांव- गांव तक हर मजदूर-किसान को इससे जोड़ा जायेगा।


वक्ता कमलेश यादव, बेचन अली, रवि मिश्रा, बालेन्दु कटियार, बहन सरिता, एच एन तिवारी तथा विजय विद्रोही ने कहा कि मोदी, योगी सरकार किसानों, मजदूरों एवं जनता के अन्य हिस्सों से किए गए वादों से मुकर गई है। ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दौरान सभी फसलों की एमएसपी की गारंटी, बिजली बिल वापसी आदि लिखित वादों से मोदी सरकार पलटी मार गई है। कहा कि कॉर्पोरेट हितों में चार श्रम संहिताओं को थोपकर मजदूर वर्ग के अधिकारों को छीनने की साजिश कर रही है जिसे कामयाब नही होने दिया जाएगा।
रामजी सिंह, बलवंत सिंह, शैलेन्द्र कुमार, अजय कुमार सिंह, बीएस बाजपेयी, इम्तियाजबेग, जितेन्द्र तिवारी आदि वक्ताओं ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र को निजी हाथों में बेचने व संविधान एवं जनतंत्र पर बढते हमलों के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। आंदोलन के अधिकार सहित अन्य मूलभूत अधिकारों को छीना जा रहा है। जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाने के लिए सांप्रदायिक नफरत फैलाई जा रही है। जिसके खिलाफ जनता में अभियान चलाया जायेगा।


अनुभव दास सिंह, दिगंबर सिंह, संतोष शाक्य, संदीप पाण्डेय, प्रेमनाथ राय, एचएन तिवारी, कमलेश यादव, ध्यानचंद, साधूशरण, राजाराम यादव, उमेश शुक्ला, सरदार गुरमीत सिंह आदि वक्ताओं ने अपने विचार रखते हुए 25 सूत्रीय मांगों के राजनैतिक संदर्भों का उल्लेख किया। कहा कि सार्वजनिक रूप से केन्द्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चे की जिन मांगों को मान लिया था वहीं केन्द्र सरकार अब उनसे पीछे हट रही है। यही नहीं वह कानूनों को संसद के अंदर वापस लेने के बावजूद लुके छुपे उन पर अमल भी कर रही है। संचालन उत्तर प्रदेश किसान सभा के मुकुट सिंह व एटक के चन्द्र शेखर ने किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.