दिव्यांग बच्चों में छुपी प्रतिभा को समय से पहचानना व उनका उपचार करना आवश्यक- योगी आदित्यनाथ

विश्व दिव्यांग दिवस पर लखनऊ स्थित डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि में कार्यक्रम आयोजित

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दिव्यांग बच्चों में छुपी प्रतिभा को समय से पहचानना तथा उनका उपचार करना आवश्यक है। यदि समाज उनका सम्बल बनकर खड़ा हो जाए और सरकार का प्रोत्साहन उनके साथ जुड़ जाए तो वे भी समाज का मार्गदर्शन कर सकते हैं और समाज के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।


सीएम रविवार को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी दिव्यांगजन को अवसर मिला है, तो उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिव्यांगजन को आत्मनिर्भरता और स्वावलम्बन की ओर अग्रसर करने के लिए उन्हें विकलांग के स्थान पर नया शब्द दिव्यांग दिया। यह शब्द स्वयं में एक सम्मान है।


उन्होंने दिव्यांगजन कल्याण के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। जो लोग अपने परिवार से ही उपेक्षित हो जाते हैं, अक्सर समाज का व्यवहार भी उनके प्रति उपेक्षा का होता है। अगर कोई व्यक्ति, संगठन अथवा संस्था निःस्वार्थ भाव से दिव्यांगजन के स्वावलम्बन तथा उत्थान के लिए कार्य करती है, तो वह अभिनन्दनीय है।
उन्होंने राज्यस्तरीय पुरस्कार से सुनील कुमार वर्मा, पायल कश्यप, पीयूष गोयल, नसीमा बेगम, साराह मोईन तथा पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने वाले सर्वश्रेष्ठ जनपद रामपुर को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 में हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों उमेश चन्द्र तथा सौरभ कुमार एवं इण्टर की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अखिलेश कुमार और अनिल कुमार को भी सम्मानित किया। उन्होंने सभी को विश्व दिव्यांग दिवस की शुभकामनाएं दीं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने दिव्यांगजन कल्याण से जुड़ी पूर्व से संचालित कई योजनाओं एवं कार्यक्रमों के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली धनराशि में वृद्धि की है। पहले दिव्यांगजन को प्रतिमाह पेंशन के रूप में 300 रुपये मिलते थे, इसे बढ़ाकर 01 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। प्रदेश के लगभग 10 लाख दिव्यांग इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। वर्ष 2016-17 में दिव्यांग कल्याण के अन्तर्गत प्रदेश का बजट 312 करोड़ रुपये था। यह वर्तमान में 1,120 करोड़ रुपये है।
इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण सुभाष चन्द्र शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, अपर निदेशक सूचना अंशुमान राम त्रिपाठी, डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.के.पी. सिंह सहित विश्वविद्यालय के छात्र उपस्थित थे।

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