LUCKNOW: SGPGI की OT में आग, मासूम समेत दो की मौत, उच्च स्तरीय जांच के आदेश

CM योगी ने जताया शोक, डिप्टी सीएम ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश

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लखनऊ।
संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के ऑपरेशन थिएटर में सोमवार को भीषण आग लगने से 31 दिन के मासूम बच्चे और एक महिला की मौत हो गई। उस वक्त महिला का ऑपरेशन हो रहा था। आग की सूचना पर ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी उसे छोड़कर भाग निकले। अग्निशमन कर्मियों ने महिला का झुलसा शव बाहर निकाला। ओटी कॉम्पलेक्स, आईसीयू और सीसीएम में धुआं भरने से दम घुटने लगा। ओटी में मौजूद 40 से अधिक डॉक्टर, रेजिडेंट, नर्स और दूसरे कर्मचारी पहले भी भाग निकले थे। आग लगने से भगदड़ मच गई। अंदर दो दर्जन से अधिक लोग फंसे हुए थे। जिन्हें कड़ी मशक्कत के बीच निकाला गया।
इस बीच पोस्ट आपरेशन आईसीयू, क्रिटिकल केयर मेडिसन (सीसीएम) में भर्ती दो दर्जन मरीजों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया। फायर सर्विस की आधा दर्जन गाडिय़ों ने करीब दो घंटे में आग पर काबू पाया। आग लगने का कारण वेंटिलेटर फटना व शार्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। जिसकी वजह से आग ने भयानक रूप धारण कर लिया था। आग लगते ही मौके पर भगदड़ मच गई थी। मौके पर कई फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां भी पहुंच गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसजीपीजीआई में हुई घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है।
वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना को दुखद बताते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने संस्थान निदेशक से घटना की जानकारी ली।


एसजीपीजीआई के पुराने ओटी कॉम्पलेक्स में पहले 17 ओटी चलती थी। अब केवल तीन ओटी चलती हैं। इंडोग्राइन सर्जरी विभाग की ओटी में पीलीभीत निवासी तैयबा (26) और दूसरी ओटी में गाजीपुर निवासी नेहा के 31 दिन के बच्चे की हार्ट सर्जरी चल रही थी। सोमवार दोपहर करीब 12.40 बजे मॉनीटर में स्पार्क होने के कारण आग लग गई। जब तक कर्मचारी कुछ समझ पाते तेज धमाके होने लगा। देखते-देखते कुछ ही मिनट में आग ऑपरेशन थिएटर में फैल गई। ओटी में मौजूद डॉक्टर और कर्मचारी मरीज को छोड़कर भाग निकले। एनीस्थीसिया देने के कारण दोनों मरीज बेहोश थे। महिला की ओटी में ही झुलसकर मौत हो गई, जबकि बच्चे को ओटी से निकालकर डायलिसिस यूनिट की आईसीयू में शिफ्ट किया गया। फिर भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस बीच पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, आईसीयू और आस-पास भर्ती अन्य मरीजों को दूसरे विभागों में शिफ्टकर सुरक्षित किया गया।

निदेशक डॉ. आरके धीमन का कहना है कि ओटी में मॉनीटर की स्पार्क से आग लगी थी। कुछ ही देर में आग वर्क स्टेशन और ओटी में फैल गई। फायर सिस्टम सक्रिय किया गया। मरीजों को पोस्ट क्रिएटिव यूनिट में शिफ्ट कराया गया। ओटी में सर्जरी के लिए ले जाई गई महिला को नहीं बचाया गया। बच्चे को बचाने की नाकाम कोशिश हुई। घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

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