LUCKNOW: LOHIA INSTITUTE में क्लीनिंग व सैनिटाइजेशन के टेंडर को बन्द करने की मांग, आउटसोर्स पर सफाईकर्मियों की भी हो तैनाती

संविदा कर्मचारी संघ ने सीएम योगी, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक व लोहिया संस्थान के CMS को लिखा पत्र

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लखनऊ।
लोहिया संस्थान में क्लीनिंग एवं सैनिटाइजेशन का टेंडर ना किया जाए। अन्य की तरह संस्थान में सफाईकर्मियों को भी मानव आपूर्ति के तहत तैनात करने की मांग की गई है। जिससे सफाईकर्मियों को वेतन बढ़ोतरी, बोनस आदि का लाभ मिल सके। इस माह संस्थान में क्लीनिंग एवं सेनिटाईजेशन का अनुबंध समाप्त होने वाला है।
इस संबंध में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के संविदा कर्मचारी संघ की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक तथा लोहिया संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को पत्र भेज गया है।
संघ के अध्यक्ष रणजीत यादव व महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने बताया कि गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में सफाई व्यवस्था के लिए वर्ष 2020 में क्लीनिंग एवं सैनिटाइजेशन का अनुबंध किया गया था। जिसके तहत प्राइम क्लीनिंग सर्विसेज द्वारा करीब 400 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए थे। जिन्हें पिछले तीन वर्षों से वेतन बढ़ोतरी व बोनस का लाभ नहीं मिल सका।
इसके साथ ही पिछले कई वर्षो से कार्यरत सफाई कर्मचारियों की सेवाओं की जिम्मेदारी भी लोहिया संस्थान से खत्म हो गई। जबकि अन्य अनुबंधित सेवा प्रदाता फर्म द्वारा तैनात कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी तथा बोनस का लाभ मिला, लेकिन सफाई कर्मचारी इससे वंचित रह गए।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सैकड़ों सफाई कर्मी वर्ष 2011 से कार्यरत हैं और वर्ष 2015 में अन्य कर्मचारियों के साथ इनको भी वेतन बढ़ोतरी का लाभ मिला था। इस माह संस्थान में क्लीनिंग एवं सेनिटाईजेशन का अनुबंध समाप्त होने वाला है।
शासन द्वारा वर्ष 2015 में सफाई कर्मचारियों के लगभग 120 पद (आउटसोर्सिंग) सृजित किए गए थे तथा 120 पद चिकित्सालय में पहले से ही सृजित थे। जबकि क्लीनिंग एवं सैनिटाइजेशन का टेंडर होने से उन पदों के सापेक्ष संस्थान में कर्मचारी तैनात नहीं है। वर्तमान में कर्मचारियों के वेतन बढ़ोत्तरी की प्रक्रिया शासन में विचाराधीन है। ऐसे में वेतन बढ़ोतरी का लाभ सफाई कर्मचारियों को भी मिलना आवश्यक है।

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