बिलकिस बानो संग दरिंदगी को सुनकर अंदर तक सिहर गई थीं- सुभाषिनी अली

दर्द को सुनकर उस दिन से ही बिलकिस को न्याय दिलाने का लिया प्रण

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लखनऊ/कानपुर
बिलकिस बानो संग 2002 में हुई दरिंदगी को सुनकर एक महिला होने के नाते अंदर तक सिहर गई थी। उस महिला पर क्या बीती होगी, यह सोचकर ही रूह कांप गई। और घटना के तीन बाद ही गोधरा शरणार्थी कैंप में बिलकिस से मिलने पहुंच गई थीं। उस समय उसकी आंखों में खौफ और बेबसी साफ देखी जा सकती थी। उसके दर्द को सुनकर इमोशंस का एक ऐसा रिश्ता बना जो आज तक कायम है। उस दिन ही ठान लिया था कि इसको जस्टिस दिलाकर ही रहूंगी। मुहिम कई लोगों का साथ मिला और आज नतीजा सबके सामने है।
यह बातें बिलकीस बानो केस की याचिका कर्ता व पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कानपुर के ऐतिहासिक हरिहर नाथ शास्त्री भवन के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। कानपुर संयुक्त विपक्षी मोर्चा की ओर से हरिहर नाथ शास्त्री भवन खलासी लाइन में सीपीआईएम की राष्ट्रीय नेता राष्ट्रीय नेता कॉ. सुभाषणी अली को सम्मानित भी किया गया।
पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने आगे कहा कि डॉ. रूप रेखा वर्मा रेवती लाल के साथ बिलकिस बानो ने भी जब वीरता पूर्वक दस्तखत किए तो सुप्रीम कोर्ट के बहुमत वकील बहुत खुश थे। केंद्र की मोदी और बीजेपी की गुजरात सरकार ने बिलकिस के बालात्कारियों और हत्यारों को बचाने के लिए एक- एक सुनवाई में करोड़ों रुपए के वकीलों को खड़ा किया। मगर जस्टिस जोसफ, बीबी नगरत्ना और भुइया ने दोषियों को फिर से आजीवन जेल भेजने का रास्ता दिखा कर भारत के गौरव शाली संविधान की शक्ति का एहसास करा दिया।
सुभाषिनी अली ने बताया कि 15 अगस्त 2022 को दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस कहां थी, किसी को नहीं पता था। जघन्य अपराध के दोषियों की रिहाई के बाद मानो उनका न्याय से भरोसा उठ गया और वह काफी डरी सहमी थी। उसे लगा कि जो सजा होने के बाद जेल से बाहर आ सकते हैं वो अब उसे नहं छोड़ेंगे। इसी बीच उनकी मुलाकात बिलकिस की एडवोकेट शोभा गुप्ता से हुई।
बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के बाद कपिल सिब्बल द्वारा रिहाई के विरोध में रिट दाखिल की गई, जिसमें सुभाषिनी अली, एलयू की पूर्व वीसी रूपरेखा वर्मा और फ्रीलांस जर्नलिस्ट रेवती लाल को याचिकाकर्ता बनाया गया। मामले की सुनवाई के दौरान तीन चीफ जस्टिस बदले। केस में अभिषेक मनु सिंघवी, वृंदा ग्रोवर और जय सिंह समेत कई लोग साथ थे। पूरे मामले में केस को लडऩे वाले वकीलों ने कोई भी फीस नहीं ली है।
कार्यक्रम को सुभाषणी अली के अलावा, सुरेश गुप्ता, रजिया नकवी, नौशाद आलम मंसूरी, अशोक केसरवानी, राजीव निगम, उमेश शुक्ला, ज्ञान प्रकाश तिवारी, राज कुमार अग्निहोत्री, प्रदीप यादव, दीपा यादव, अभिमन्यु गुप्ता, धनपति सुधा, मुन्नी सिंह पूर्व सभासद जग नारायण आदि ने भी संबोधित किया। संयुक्त विपक्षी मोर्चा अभिनंदन के और भी कार्यक्रम करके जन चेतना पैदा करने का निर्णय लिया।
इस दौरान कांग्रेस, सपा, सीपीआई, सीपीआईएम, लोकदल, जनता दल नेशनल लीग के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। संयुक्त रूप से अध्यक्षता सुरेश गुप्ता और मो सुलेमान जबकी संचालन अतहर नईम ने किया। इस मौके पर विधायक हसन रुमी, अमिताभ बाजपेई, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, नौशाद आलम मंसूरी, राजीव निगम, अभिमन्यु गुप्ता और सुधा सिंह आदि रहे।

 

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