हनुमान जी के आगे माथा टेक, राज्य सभा में रखा स्वाति मालीवाल रखा ने कदम, जानें फिर क्या कहा

स्वाति ने कहा कि मैं देखना चाहूंगी कि बजट 2024 में महिलाओं, मजदूर, किसानों और युवाओं के लिए क्या होगा, अगर विपक्षी सांसदों को ऐसे निलंबित किया जाएगा तो सरकार की जवाबदेही कौन तय करेगा।

0 43
नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी की नेता स्वाति मालीवाल ने बुधवार को कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में माथा टेकने के बाद राज्य सभा में कदम रखा। उसके बाद शपथ ली और महिलाओं व जनता के मुद्दों को उठाने का दावा किया।
संसद से बाहर आने के बाद दिल्ली महिला आयोग (DCW) की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा “मेरे लिए यह बहुत बड़ा दिन है। मेरा भगवान से अलग रिश्ता है, मैं कर्म में बहुत विश्वास करती हूं। आज मैंने भगवान से प्रार्थना की कि मुझे शक्ति दें — संसद में और संसद के बाहर देश के जरूरतमंद लोगों की बुलंद आवाज़ बनूं।
बजट 2024 से अपेक्षाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा “मैं देखना चाहूंगी कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए और उनके उत्थान के लिए बजट में क्या है, क्योंकि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी कई स्कीम हैं जिनमें नारेबाज़ी के अलावा कुछ हुआ नहीं। बच्चियों का जीवन नारेबाजी से बेहतर नहीं होगा। इस बजट में मैं यह भी देखना चाहूंगी कि मजदूरों, किसानों और बेरोजगारी से परेशान युवाओं के लिए क्या प्रावधान हैं।”
मालीवाल ने कहा “अगर विपक्षी सांसदों को इस तरह निलंबित किया जाएगा तो सरकार की जवाबदेही कौन तय करेगा? ये किस तरह की राजनीति है?”
उन्होंने आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी का आभार व्यक्त किया जिन्होंने राज्य सभा में देश के लोगों की आवाज बनने की बड़ी जिम्मेदारी दी। “आज मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दिन है, अब से मेरा जीवन पूरी तरह से मेरे देश के लिए समर्पित है। शपथ लेते हुए मैं भावुक थी। मुझे लगा जैसे कि मैं अकेले नहीं, बल्कि भारत की हर उस लड़की, हर उस महिला के साथ शपथ ले रही हूं जिसने अन्याय के खिलाफ लड़ने की ताकत दिखाई।
यह शपथ हर उस महिला के लिए समर्पित है जिसने सपने देखने की हिम्मत रखी और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत की। मैं एक एक्टिविस्ट हूं, और हमेशा एक एक्टिविस्ट रहूंगी। सदियों से सरकारी एवं सामाजिक व्यवस्था से दबे कुचले गरीबों के मुद्दों को संसद में हमेशा उठाती रहूंगी।
Leave A Reply

Your email address will not be published.