गलियों में लटकते बिजली के तार दे सकते हैं हादसों को न्यौता, जानें फिर भी क्यों सोया हुआ है प्रशासन

आरडब्लूए मधु विहार ने बीएसईएस को कई बार दे चुकी है शिकायत

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नई दिल्ली
बारिश में बिजली की खुले तारों से करंट लगने पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महिला की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं कि दिल्ली के अन्य इलाकों में ऐसे और लापरवाही देखने को मिल रही है। द्वारका सेक्टर-3 स्थित मधु विहार वार्ड में बीएसईएस की लापरवाही से सभी परेशान हैं। मधु विहार के सातों ब्लॉकों की कई गलियों में बिजली के तार नीचे लटकी हुई है। हालांकि तारों में कवर चढ़े हुए हैं लेकिन वह पुराने हो चुके हैं। बारिश के मौसम में बूंदे पड़ने पर उसमें से चिंगारी निकलता देखा जा सकता है। इससे हादसों का डर हमेशा बना रहता है। बिजली के तार इतने नीचे होती उसे अपने हाथों से छुआ जा सकता है।

इस बाबत मधु विहार वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्लूए) के प्रेसिडेंट रणबीर सिंह सोलंकी ने कई बार बीएसईएस को शिकायत दे चुके हैं।
आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष रणबीर सिंह सोलंकी ने बताया कि मधु विहार इलाके में कई जगह लटके तारो के सपोर्ट के लिए बांस- बल्ली का सहारा लिया गया है जो कि अब जर्जर हो चुका है। बीएसईएस अधिकारियों को लोगों की जान का परवाह नहीं है।स्थानीय निवासियों का कहना है कि सालों से वे बिजली विभाग को शिकायत कर चुके हैं लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी के कान में जूं तक नहीं रेंगी।

आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष रणबीर सिंह सोलंकी ने कहा कि वह कई बार बीएसईएस के अधिकारियों को इस बाबत लिखित शिकायत कर  चुके हैं। सोलंकी ने कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं बीएसईएस के अधिकारियों से पत्रों के माध्यम से निवेदन है कि इस समस्या को संज्ञान में लेकर इस का तत्काल समाधान करें एवं लोगों की जान मॉल को जोख़िम में डालने वालों पर सख्त से सख्त करवाई करे। उन्होंने बताया कि लटके हुए तारों की वीडियो भी अधिकारियों को दिखा चुके है, लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने बीएसईएस से अनुरोध किया कि मधु विहार के सातों ब्लॉकों की गलियों में तारों को ठीक कर दुरुस्त किया जाए।

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