दिल्ली सरकार को पड़ा सुप्रीम कोर्ट तमाचा, अब देना होगा विज्ञापन का ब्यौरा
सुप्रीम कोर्ट ने दिया विज्ञापन का ब्यौरा जमा करने का आदेश
- नई दिल्ली
रैपिड रेल से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली सरकार के तरफ से पैसे उपलब्ध न कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से तीन साल का विज्ञापन का ब्यौरा जमा करने का आदेश दिया है। आदेश के बाद भाजपा ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि विज्ञापनजीवी को तमाचा लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विज्ञापन करने को पैसे है और rrts प्रोजेक्ट के लिए नहीं। दिल्ली सरकार कहती है हमारे पास पैसे नहीं है , कोर्ट ने कहा कि विज्ञापन के लिए पैसा है प्रोजेक्ट नहीं , साथ ही पिछले तीन साल का बजट में विज्ञापन पर खर्च राशि का ब्योरा भी माँगा है। हमे RTI से जानकारी मिली है 1868 करोड़ रूपये इन्होंने पाँच साल में विज्ञापन पर खर्च किया है। - इन्होंने दिल्ली की जानता से enviornment cess के नाम से जो पैसा लिया वो कहाँ है , वो सारा पैसा इसी प्रोजेक्ट के लिए था , वो कहाँ है ?
- इससे पहले प्रगति मैदान टनल में 20 percent पैसा देना था केजरीवाल सरकार ने वो भी नहीं दिया।