5 लाख बुजुर्गों के लिए जल्द शुरू हो पेंशन, जानें क्या है पूरा मामला

पिछले सात सालों से बुजुर्ग पेंशन के लिए खा रहे हैं धक्के, मुख्यमंत्री ने हर साल हर विधानसभा क्षेत्र में एक हजार नए फार्म की मंजूरी का वादा किया था

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नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बुधवार को विधानसभा में दिल्ली के बुजुर्गों के पेंशन के नए आवेदन स्वीकार न करने पर केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि हर साल हर विधानसभा क्षेत्र से एक हजार नए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे लेकिन 2018 से नए आवेदनों की स्वीकृति को रोक लिया गया है। इस प्रकार सात सालों से दिल्ली के करीब पांच लाख बुजुर्गों के आवेदन पैंडिंग पड़े हैं। इस बैकलॉग को तुरंत समाप्त करके दिल्ली के बुजुर्गों को राहत दी जाए।
बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों, पुनर्वास कालोनियों, झुग्गी बस्तियों और गांवों में लाखों बुजुर्ग ऐसे हैं जिनकी आय का कोई साधन नहीं हैं और वे निराश्रित हैं। उनके लिए पेट भरने का सवाल तो है ही, बढ़ती उम्र में अनेक बीमारियां भी घेर लेती हैं। ऐसी स्थिति में डाक्टरों की फीस से लेकर दवाइयों का खर्चा भी उनके लिए भारी पड़ जाता है। ऐसी स्थिति में उनके लिए वृद्धावस्था पेंशन ही एकमात्र सहारा रह जाता है लेकिन दिल्ली सरकार ने बड़ी ही निर्ममता से 2018 से नए आवेदनों को मंजूर करना बंद कर दिया है। बिधूड़ी ने कहा कि बुजुर्ग पेंशन के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। वे कभी विधायकों के आफिस में जाते हैं तो कभी सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन कहीं से उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता। हर बार यही सुनने को मिलता है कि अभी पेंशन के फार्म नहीं आए। बुजुर्ग मन मसोसकर और मजबूर होकर बैठ जाते हैं।
बिधूड़ी ने कहा कि सरकार को इन बुजुर्गों पर दया करते हुए तुरंत बुजुर्गों की पेंशन शुरू करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री के वादे के अनुसार पिछले सात सालों से पैंडिंग पड़े मामलों को तुरंत निपटाया जाए और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में सात सालों के सात-सात हजार आवेदन स्वीकार किए जाएं। इस प्रकार करीब पांच लाख बुजुर्गों को पेंशन देने की व्यवस्था की जाए।

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