एक नऐ युग का प्रारंभ किताब का हुआ लोकार्पण, देगी महिला सशक्तिकरण की सीख

शैलेंद्र सारथि फाउंडेशन बैनर तले आयोजित हुआ कार्यक्रम, इसमें हुआ पुस्तक का लोकार्पण

0 116

नई दिल्ली
समाज में एक अकेली महिला को हर कोई कमजोर समझता है। उसे दबाने के लिए कुछ ना कुछ कोशिश करते रहते हैं, कुछ ऐसा ही हुआ मेरे साथ जब मेरे पति शैलेंद्र सिंह ऑन ड्यूटी शहीद हो गए। सीआरपीएफ ने अपनी सेवाएं देते हुए वह दुर्घटना का शिकार हो गए थे । पति के जाने के बाद कुछ लोगों ने लखनऊ में स्थित हमारी संपत्तियों पर कब्जा करना शुरू कर दिया।

उन्हें लगा कि अब तो कोई बचाने वाला नहीं आने वाला और इनकी सारी जमीन हड़प ली जाए। मैं अकेली अपनी दो बेटियों के साथ उनका क्या बिगड़ पाऊंगी, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। संघर्ष किया और बहुत जद्दोजहद के बाद अपनी जमीन जायदाद को बचा पाई। इस संघर्ष ने मुझे बहुत कुछ सीखने का अवसर दिया। अपनी इस संघर्ष से मैंने जो कुछ सीखा उसे एक एक किताब का रूप दिया है, तो मेरी जैसी हजारों महिलाओं के लिए मददगार साबित हो सकती है, जिसका आज लोकार्पण किया जा रहा है। यह कहना हैं डॉ संजू सिंह का। इनकी पुस्तक महिला सशक्तिकरण एक नये युग का प्रारंभ का हिंदी भवन में शैलेंद्र सारथि फाउंडेशन के बैनर तले लोकार्पण हुआ।

किताब के लोकार्पण पर मुख्य अतिथि पूर्व सांसद डॉ सुधा यादव, जेल सुधारक और मीडिया शिक्षिका डॉ वर्तिका नन्दा रही।
किताब की लेखिका डॉ संजू सिंह ने बताया महिलाओं के क्या क्या अधिकार होते हैं जिन्हें मालूम नही होता वो सब इस किताब में लिखा, मेरा मानना हैं मेरे जैसी हजारों लाखों महिलाएं हैं जो पीड़ित हैं जिन्हे न्याय नही मिलता वो महिला इस किताब को पड़ कर कुछ शसक्त हो मेरा किताब लिखने का मकसद हैं और में महिलाएं और समाज के लिए इस तरह की किताब लिखती रहूंगी।

डॉक्टर संजू सिंह एडवोकेट, एस्ट्रोलॉजर और शैलेंद्र सारथि फाउंडेशन की फाउंडर डारेक्टर शहीद डीआईजी सी.आर.पी.एफ शैलेंद्र सिंह की पत्नी हैं। किताब का लोकार्पण शहीद डीआईजी शैलेंद्र सिंह के जन्म दिवस पर हुआ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.