नई दिल्ली
समान नागरिक संहिता को लेकर शिरोमणी अकाली दल ने खिलाफत कर दी है। दल का कहना है कि अभी तक इससे जुड़ा मसौदा देखा नहीं, बिना इसे पढ़े कोई क्या बता सकता है। लॉ कमीशन ने इसे लेकर धार्मिक संस्थाओं से सलाह मांगी है। जब तक हमें पता ही नहीं होगा कि हमें साथ क्या ठीक या ग़लत हो रहा हैं, हम सलाह क्या देंगे।
इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब स्थित शिरोमणी अकाली दल, दिल्ली प्रदेश दफ्तर में एक बैठक हुई। इस बैठक में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और सरदार मनजीत सिंह जीके ने बताया कि इससे देश को बांटने की कोशिश की जा रही है। हम इसका विरोध करते है। साथ ही बैठक में दो प्रस्ताव पास किए गए हैं। इसमें एक प्रस्ताव समान नागरिक संहिता के मसौदे को रद्द करना और दूसरा पंजाब सरकार द्वारा पंजाब विधानसभा में सिख गुरुद्वारा एक्ट में किए गए संशोधन को रद्द करने का प्रस्ताव शामिल था।
जीके ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल के बाद भी सिखों का पर्सनल लॉ नहीं है। इसलिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को तुरंत सिख पर्सनल लॉ बनाने के लिए विद्वानों की एक कमेटी बनानी चाहिए। उसके बाद सिख पर्सनल लॉ को लागू करवाने का सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। अभी तक संविधान में हमें हिंदू धर्म का हिस्सा मान कर हमारे पर हिंदू पर्सनल लॉ लागू होते हैं। बेशक सिख दंपति की शादी आंनद मैरिज एक्ट में रजिस्टर्ड हो जाती है, पर तलाक़ हिंदू मैरिज एक्ट में होता है। जबकि हमारे सारे संस्कार अन्य धर्मों से अलग हैं। दोनों नेताओं ने इस संबंधी पूरे देश में सिखों को जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर मीटिंग करने से पहले दिल्ली में बड़ा सम्मेलन करवाने का ऐलान किया। इस मौके हुई मीटिंग को दिल्ली कमेटी सदस्य करतार सिंह विक्की चावला, परमजीत सिंह राणा, वरिष्ठ अकाली नेता कुलदीप सिंह भोगल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।