तपतापती धूप में किसानों ने की महापंचायत

केंद्र सरकार ने संगठन से पिछले तीन सालों में नहीं की कोई बात- राकेश टिकेत

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नई दिल्ली

दिल्ली की तपतापती धूप में न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित कई मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने बृहस्पतिवार को रामलीला मैदान में महापंचायत का आयोजन किया। इसमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के किसान संगठनों ने भाग लिया। इसमें एमएसपी, कर्ज माफी , बिजली विधेयक रद्द जैसी कई मागों को महापंचायत हुई। इस दौरान संगठन अध्यक्ष राकेश टिकेत ने कहा 22 जनवरी 2021 के बाद से सरकार ने किसी संगठन से बातचीत नहीं की। सरकार झूठ बोलती है। देश में आंदोलन चल रहे हैं। विचारधारा के आंदोलन हैं। वहीं दूसरी ओर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि एमएसपी मिलने से हम अरबपति नहीं बन जाएंगे। हमारे पास सरकार से लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। जब लड़ते हैं तो आंसू गैस चलाते हैं। वीजा पासपोर्ट रद्द किया जा रहा है। सरकार अपने में सुधार नहीं करती तो उसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने एक रिपोर्ट हवाला देते हुए कहा कि 21376 रुपये हर साल किसान पर कर्जा चढ़ता है। 2000 से 2015 तक एमएसपी से 45 लाख करोड़ रुपये कम मिला। एक एकड़ सरसों का नुकसान हो रहा है। हरियाणा-पंजाब का युवा जमीन बेचकर विदेश जा रहा है। इस दौरान दर्शन पाल ने कहा कि सरकार ने किसानों को बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कीलें लगाकर आने से रोका। हम उन्हें गांव में आने से रोकेंगे। गांव घुसने नहीं देंगे। सबक सिखाएंगे। शासन के विरोध आंदोलन करना होगा। मोर्चा को तोड़ने की कोशिश की। इसमें किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल और गुरनाम सिंह समेत कई किसान और मजदूर नेता मंच पर पहुंचे। मोर्चा के साथ हुए सरकार के समझौते को लागू करें। इस दौरान कई किसानों ने किसान को बचना है, पूँजीवाद को हटना है नारे लगाए । इसमें कई हजारों की संख्या में पहुंचकर किसानों इसमें भाग लिया। महापंचायत के कुछ देर बाद सड़क पर भी किसानों को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने भी नाकाबंदी कर दी।

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