सतर्कता: अस्थमा व निमोनिया में कई एक जैसे लक्षण- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
अस्थमा का इलाज संभव नहीं, लेकिन इसे प्रभावी ढंग से कर सकते हैं प्रबंधित
लखनऊ
अस्थमा और निमोनिया दो ऐसी बीमारियां है जो फेफड़ों को प्रभावित करती हैं। अस्थमा एक क्रोनिक स्थिति है, यह समय-समय पर वायुमार्ग में सूजन और संकुचन का कारण बनती है। अस्थमा का इलाज संभव नहीं है, लेकिन आप इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित जरूर कर सकते है। वहीं निमोनिया फेफड़ों के संक्रमण की बीमारी बीम है। यह एक या दोनों फेफड़ों में हो सकती है। इससे वायुकोषों में सूजन आ जाती है और एक फेफड़ों में तरल पदार्थ भी भर सकता है। निमोनिया का इलाज और उपचार संभव है। हालांकि, इसके कारण छोटे बच्चों-बुजुर्गों में मृत्यु का खतरा अधिक देखा जाता रहा है।
यह जानकारी यूपी टीबी एसोसिएशन के सीनियर वाइस चेयरमैन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने रविवार को आईएमए की ओर से रिवर बैंक कालोनी स्थित आईएमए भवन में आयोजित सीएमई को सम्बोधित करते हुए दी। इस मौके पर कई रोगों के उपचार और नयी तकनीक की जानकारी साझा की गयी।
कार्यक्रम का उदघाटन अध्यक्ष डॉ. वीनिता मित्तल ने किया जबकि संचालन सचिव डॉ. संजय सक्सेना ने किया। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जेडी रावत ने बच्चों में होने वाली जटिल बीमारी और उनकी सर्जरी पर विस्तार से प्रकाश डाला।